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Bengal Politics: बंगाल की चुनावी सियासत में पाकिस्तान के बाद ‘तालिबानी सरकार’ की एंट्री

Bengal Politics पाकिस्तान और तालिबान की बातें किसने सबसे पहले शुरू की यह जरूरी नहीं है लेकिन ‘तालिबान’ की बातें जिस तरह से मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख तथा भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव की प्रत्याशी ममता बनर्जी और भाजपा नेता भी कर रहे हैं वह ठीक नहीं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 01:28 PM (IST)
Bengal Politics: बंगाल की चुनावी सियासत में पाकिस्तान के बाद ‘तालिबानी सरकार’ की एंट्री
बंगाल में ‘तालिबान’ का शासन चल रहा है

कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। Bengal Politics बंगाल में बीते कुछ वर्षो में हुए चुनाव में तुष्टीकरण, जयश्री राम को लेकर बातें होती रही हैं। अभी मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में तो जाति-धर्म, तुष्टीकरण, जय श्री राम, जय बांग्ला, यहां तक कि पाकिस्तान भी प्रवेश कर गया था और नेता एक दूसरे पर तुष्टीकरण व पाकिस्तान, जयश्री राम को लेकर हमला बोल रहे थे। परंतु पांच माह में ही बंगाल की चुनावी सियासत में पाकिस्तान के बाद ‘तालिबान’ की एंट्री हो गई। 

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मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के साथ ही सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में व्यापक पैमाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हुए। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गंवाई। बंगाल में ‘तालिबान’ का शासन चल रहा है और इसके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और आने वाले दिनों में भाजपा इस ‘तालिबानी सरकार’ को उखाड़ फेंकेगी। इसके अगले ही दिन यानी बुधवार को चुनाव प्रचार करते हुए ममता ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह जी, हम आपको भारत को तालिबान के जैसा नहीं बनाने देंगे। भारत एक रहेगा। गांधी जी, नेताजी, विवेकानंद, सरदार वल्लभभाई पटेल, गुरु नानक जी, गौतम बुद्ध, जैन सब एक साथ इस देश में रहेंगे। हम आपको भारत को बांटने नहीं देंगे।

ममता ने कहा कि भाजपा के नेता आएंगे और आपको बताएंगे कि हम बंगाल में दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा करने की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन ये सच नहीं है। आप सभी बंगाल में रहते हैं और आपको मालूम है कि यहां सरस्वती पूजा से लेकर दुर्गा पूजा और लक्ष्मी पूजा, काली पूजा और जितनी भी पूजा होती है, सभी बड़ी धूमधाम से लोग मनाते हैं। हर धर्म, हर समुदाय के लोग अपना पर्व-त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। बंगाल में किसी भी पूजा पर किसी तरह की रोक नहीं है। सह ठीक है, लेकिन सवाल यही है कि बंगाल के विधानसभा उपचुनाव में ‘तालिबान’ की बातें क्यों? क्या चुनाव में मुद्दों की कमी हो गई है? आम लोगों से जुड़े मुद्दे नहीं उठाए जा रहे हैं। अभी भारी बारिश से भवानीपुर के लोग जलजमाव की समस्या से जुझ रहे थे, उसके के लिए क्या किया गया? लोगों को क्यों नहीं इस समस्या से निजात मिल रहा है? इस पर चर्चा होनी चाहिए, न की ‘तालिबान’ और पाकिस्तान की।


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