कोलकाता, ऑनलाइन डेस्क। बंगाल में मार्च-अप्रैल में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए भाजपा की राज्य इकाई ने राज्य के सभी 23 जिलों में विशेष जिला स्तरीय समिति गठित करने का फैसला किया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भाजपा को यह आशंका है कि चुनाव वाले दिन या चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व्यापक हिंसा करा सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा प्रत्येक जिला स्तरीय समिति में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी और दो वकीलों को शामिल करने की कोशिश कर रही है। पार्टी की ओर से प्रशासन और राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी व राष्ट्रीय प्रवक्ता भारती घोष को प्रभारी बनाया गया है।
विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रही भाजपा
वहीं, भारती घोष ने कहा कि ग्रामीण निकाय चुनावों की खासियत यह है कि मतदान के दिन से ज्यादा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल द्वारा हिंसा की जाती है। उन्होंने कहा, "या तो विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं है और जिन्होंने नामांकन दाखिल किया है, उनपर सत्ता पक्ष द्वारा नामांकन वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाता है। इसलिए, हम भाजपा की ओर से इस बार इस खतरे का मुकाबला करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। अभी अंतिम रणनीति बनना बाकी है। एक बार यह हो जाने के बाद, मैं आपके साथ अधिक जानकारी साझा कर सकूंगी।"
हिंसा की शिकायत मिलते ही मामला दर्ज
इस बीच, भाजपा के राज्य समिति के एक नेता ने कहा कि पार्टी 23 जिलों में से प्रत्येक में कम से कम 10 वकीलों की सूची तैयार कर रही है जो आपराधिक कानून के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा, "चुनाव पूर्व हिंसा की शिकायत मिलते ही यह टीम मामले में मुकदमा दर्ज कराने को तैयार हो जाएगी। विशेष जिला-स्तरीय समितियां शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के संपर्क नंबर और ईमेल के साथ तैयार होंगी ताकि चुनाव संबंधी हिंसा की प्रत्येक शिकायत को तुरंत दर्ज किया जा सके।"
आपको बता दें कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव यहां बेहद ही अहम है और राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देने के लिए पूरी तैयारी में जुटी है।
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