Move to Jagran APP

Bengal Politics: भ्रष्टाचार के खिलाफ बंगाल भाजपा आंदोलन से ममता को मात देने की तैयारी में

नवान्न अभियान के दौरान हुई हिंसा पर ममता ने कहा था-‘पुलिस चाहती तो गोली चला सकती थी लेकिन बहुत संयम बरता गया।’ वहीं अभिषेक ने तो आंदोलन के दौरान जख्मी पुलिस आफिसर से मुलाकात के बाद यहां तक कह दिया-‘अगर मैं पुलिस होता तो सिर में गोली मार देता।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 20 Sep 2022 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 11:41 AM (IST)
Bengal Politics: भ्रष्टाचार के खिलाफ बंगाल भाजपा आंदोलन से ममता को मात देने की तैयारी में
बंगाल भाजपा आंदोलन से ममता को मात देने की तैयारी में

कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। ममता सरकार के शासनकाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से लेकर कोयला-मवेशी तस्करी समेत हुए कई अन्य भ्रष्टाचारों के खिलाफ बंगाल भाजपा आर-पार की लड़ाई की तैयारी में है। पिछले सप्ताह मंगलवार को लगभग 16 माह शांत रहने के बाद भाजपा ने नवान्न अभियान यानी राज्य सचिवालय मार्च निकालकर जिस आक्रामकता के साथ आंदोलन किया उससे भगवा कैंप पूरे जोश में है। जिस तरह से भाजपा नेता से लेकर कार्यकर्ता और समर्थक तक एकजुट हो कर पुलिस के सामने छह घंटे तक डटे रहे वह यह बताने को काफी है कि उनमें इस एक आंदोलन ने कितनी ऊर्जा भर दी है। यही कारण है कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उन्हीं के आंदोलन वाले हथियार से मात देने की योजना बना रही है। नवान्न अभियान हुए एक सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन उसकी गूंज बंगाल से लेकर दिल्ली तक अभी सुनी जा सकती है।

loksabha election banner

लंबे समय के बाद भाजपा का वैसा ही आक्रामक रूख दिखा, जैसे बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान नजर आता था। बीते कई माह से गुटबाजी से लेकर अंदरूनी लड़ाई में उलझे भाजपा नेता, कार्यकर्ताओं में नवान्न अभियान से एकजुटता ही नहीं आई है बल्कि उनके मन में बैठे उस भय को भी दूर कर दिया है, जो चुनाव बाद हिंसा की वजह से थी। राज्य नेतृत्व को भी समझ में आ गया है कि इस तरह के आंदोलन से ही नीचे तक के कार्यकर्ताओं व नेताओं को रिचार्ज करने के साथ एकजुट रखा जा सकता है। इस कार्य में प्रदेश इकाई को केंद्रीय नेतृत्व से भी काफी समर्थन मिल रहा है, क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने पिछले दौरे में राज्य नेतृत्व को साफ कहा था कि सड़क पर ममता बनर्जी की तरह उतरकर आंदोलन करना होगा। कोई और बंगाल आकर आपकी लड़ाई नहीं लड़ेगा। अब जबकि बंगाल इकाई सड़क पर उतरी तो शीर्ष नेतृत्व ने भी पूरा समर्थन दे दिया, इससे नेताओं औ कार्यकर्ताओं का मनोबल जरूर बढ़ा होगा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि नवान्न मार्च के दिन पुलिस कार्रवाई में जितने भी भाजपा कार्यकर्ता जख्मी हुए थे उनसे मिलकर तथ्य जाने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने पांच सदस्यीय केंद्रीय टीम भेजी है। वे सभी शनिवार को विभिन्न अस्पतालों और उनके घरों पर जाकर जख्मी पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनका हाल जाना।

केंद्रीय टीम के आने से पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संदेश गया कि शीर्ष नेतृत्व को उनकी काफी परवाह है। इसीलिए अब राज्य भाजपा भी इसी आक्रामकता के साथ 2023 में पंचायत और 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी की बातें कही हैं। इसका संकेत खुद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजमूदार ने दे दिया है। उन्होंने कहा है कि अभी दुर्गा पूजा से लेकर काली पूजा समेत कई अहम त्योहार है। इसीलिए इस समय हम आंदोलन नहीं कर रहे हैं। परंतु, कालीपूजा के बाद आंदोलन शुरू होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे तथा तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा कि देखेंगे कितनी गोलियां वे चलवाते हैं। कालीपूजा के बाद हर थाने में जेल भरो आंदोलन होगा। दरअसल, नवान्न अभियान के दौरान हुई हिंसा पर ममता ने कहा था-‘पुलिस चाहती तो गोली चला सकती थी, लेकिन बहुत संयम बरता गया। बाहर से गुंडे बुलाए गए थे।’ वहीं अभिषेक ने तो आंदोलन के दौरान जख्मी पुलिस आफिसर से मुलाकात के बाद यहां तक कह दिया-‘अगर मैं पुलिस होता तो सिर में गोली मार देता। पुलिस चाहती तो 20-25 लोगों को गोली मारकर आंदोलन को तुरंत खत्म कर देती।’ इसे लेकर भाजपा पूरी तरह से आक्रामक है और मजूमदार ने साफ कहा है कि त्योहार खत्म होने दें देखतें है वे कितनी गोलियां चलवाते हैं?

इतना ही नहीं एक तरफ सीबीआइ-ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है तो दूसरी ओर भाजपा नेताओं की ओर से नए-नए तथ्य सामने लाए जा रहे हैं। अभी तीन दिन पहले नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल के चार नेताओं की संपत्तियों का दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि इन लोगों के पास 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति है, कहां से आई? वहीं दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने पिछले दिनों कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट से गुजरात एटीएस और डीआरआइ द्वारा बरामद की गई दो सौ करोड़ की हेरोइन से तृणमूल के दो नेताओं का संबंध होने का दावा कर दिया। इन दोनों ही मामले में तृणमूल ने आरोपों को खारिज कर दिया। परंतु, भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर थोड़ा भी आराम के मूड में नहीं है।

राज्य में वाममोर्चा सरकार के दौरान ममता भी कुछ इसी अंदाज में माकपा के खिलाफ सड़कों पर उतरा करती थीं। अब भाजपा भी ममता को उसी के अंदाज में जवाब देने और अपने कार्यकर्ताओं को निर्भीक होकर सक्रिय रखने की तैयारी कर ली है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा ने अपनी ताकत दिखाते हुए तृणमूल सुप्रीमो को यह अहसास करा दिया है कि वह लोकसभा चुनाव तक उन्हें चैन से बैठने नहीं देगी। हाल में बिहार के पूर्व मंत्री मंगल पांडेय को बंगाल भाजपा का केंद्रीय प्रभारी नियुक्त किया गया है। वहीं राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल से लेकर कई और केंद्रीय नेता सक्रिय हैं।

[राज्य ब्यूरो प्रमुख, बंगाल]


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.