Move to Jagran APP

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का ममता सरकार के साथ एक और मुद्दे पर टकराव शुरू

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का ममता सरकार के साथ एक बार फिर टकराव शुरू हो गया है। अभी बीएसएफ के क्षेत्रधिकार बढ़ाने को लेकर वाकयुद्ध थमा नहीं था कि पेगासस के मुद्दे पर विवाद गहरा गया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 12:58 PM (IST)
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का ममता सरकार के साथ एक और मुद्दे पर टकराव शुरू
कथित फोन टैपिंग प्रकरण कांड की जांच के लिए ममता सरकार द्वारा गठित आयोग की जानकारी मांगी थी।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का ममता सरकार के साथ एक और मुद्दे पर टकराव शुरू हो गया है। अभी सीमा सुरक्षा बल के क्षेत्रधिकार बढ़ाने को लेकर वाकयुद्ध थमा भी नहीं था कि अब पेगासस के मुद्दे पर विवाद गहरा गया है। राज्यपाल ने बुधवार यह कहते हुए निराशा जताई कि मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने उनके पत्र का संज्ञान तक नहीं लिया, जिसमें उन्होंने कथित फोन टैपिंग प्रकरण कांड की जांच के लिए ममता सरकार द्वारा गठित आयोग की जानकारी मांगी थी। इससे क्षुब्ध धनखड़ ने मुख्य सचिव से कहा है कि वह राज्य सरकार द्वारा इस मामले की जांच के लिए गठित आयोग की अधिसूचना गुरुवार की शाम तक सार्वजनिक करें।

loksabha election banner

उन्होंने मुख्य सचिव को कहा है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर चिंता का विषय है कि उनके पहले लिखे पत्र का जवाब तो दूर रहा, उसका संज्ञान भी नहीं लिया गया है। यह गंभीर प्रशासनिक चूक का संकेत है और दिखाता है कि ये ‘संवैधानिक नियमों’ और ‘विधि का शासन’ नहीं हैं। वैसे तो 2019 से लेकर अब तक कई बार धनखड़ यह आरोप लगा चुके हैं कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारी उनकी बातें नहीं सुनते हैं। अब मुख्य सचिव को लेकर जो बातें उन्होंने कही है, यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि राज्य के संवैधानिक प्रमुख की इस तरह से अनदेखी करना क्या उचित है? यहां बताना आवश्यक है कि इससे पहले के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बैठक में नहीं गए थे। जिसे लेकर अब उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अब धनखड़ ने साफ कहा है कि मुख्य सचिव को अंतिम अवसर दिया जा रहा है कि वह कल शाम पांच बजे तक अधिसूचना जारी करें और उसके लिए अपनाई गई पूरी प्रक्रिया को भी सार्वजनिक करें।

दरअसल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस प्रकरण की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को लेकर एक जांच आयोग गठित किया है। इसे लेकर धनखड़ ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा था कि अधिसूचना की प्रति उन्हें 10 दिसंबर तक उपलब्ध कराई जाए। यह आयोग कथित रूप से प्रभावित होने का दावा करने वालों की बात 13 दिसंबर से सुनने वाले थे। इसके लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और राज्य मुख्य सचिव समेत 31 लोगों को नोटिस भेजा गया था। इनमें से अब तक तीन लोगों ने वर्चुअली अपनी बातें आयोग से कही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.