बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- बंगाल में मानवाधिकार आयोग वेंटिलेटर पर
धनखड़ ने ट्वीट कर कहा पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग वेंटिलेटर पर है जो कि ठीक नहीं है। संस्थानों को पंगु बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। मानवाधिकार जीवन का मूल है और इसका हनन लोकतंत्र पर धब्बा है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को एक बार फिर ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में मानवाधिकार आयोग वेंटिलेटर पर है और इसका हनन लोकतंत्र पर एक धब्बा है। धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, 'पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग वेंटिलेटर पर है जो कि ठीक नहीं है। संस्थानों को पंगु बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
मानवाधिकार जीवन का मूल है और इसका हनन लोकतंत्र पर धब्बा है।' दरअसल एक हफ्ते पहले भी राज्यपाल ने कहा था कि राज्य मानवाधिकार आयोग अधिकारों की रक्षा करने के बजाय मरणासन्न स्थिति में है। बताते चलें कि खुद राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जीसी गुप्ता ने दो दिन पहले ममता सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें काम करने नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने 12 पन्नों का एक पत्र लिखकर ममता सरकार के कामों का खुलासा किया है। इसमें लिखा है कि कैसे उन्हें स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है। इसमें उन्होंने कहा है कि इसमें ना केवल मानवाधिकार आयोग अपवाद है बल्कि तृणमूल सरकार के अंतर्गत पूरा सिस्टम घुटन महसूस कर रहा है।
उन्होंने अपने पत्र में 21 दिसंबर 2016 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 3 बहनों ने आयोग में शिकायत की थी। इस मामले में आयोग ने काम करना चाहा तो उसे रोक दिया गया। इसके बाद आदेश जारी कर याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि ममता सरकार ने आयोग को अपने कब्जे में ले लिया है। लोगों के हितों की अनदेखी की जा रही है।