बंगाल सरकार ने विद्युत वितरण कंपनी के लिए केंद्र से 1022 करोड़ का लिया ऋण
वित्तीय संकट का सामना कर रहे अपनी बिजली वितरण कंपनी की मदद के लिए ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र से 1022 करोड़ रुपये का ऋण लिया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहे अपनी बिजली वितरण कंपनी की मदद के लिए केंद्र से 1,022 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। यह ऋण तनावग्रस्त वितरण कंपनियों की सहायता के लिए केंद्र सरकार के 90,000 करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का हिस्सा है। अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसईडीसीएल) को अप्रैल और मई महीने में विद्युत बिल संग्रह में भारी कमी के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप लगभग 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई है। दरअसल लगभग दो करोड़ के उपभोक्ता आधार के साथ डब्ल्यूबीएसईडीसीएल कोलकाता और इसके आस-पास के जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में बिजली वितरण की जरूरतों को पूरा करता है।
राज्य के बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा, 'हमने विभिन्न केंद्रीय और राज्य संस्थाओं के बकाया राशि को चुकाने के लिए 1,022 करोड़ रुपये का ऋण लिया है।' उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 13 मई को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के माध्यम से आर्थिक संकट का सामना कर रहे बिजली कंपनियों की मदद के लिए 90,000 करोड़ रुपये का एक कोष बनाने का फैसला किया था, जो आत्मानिभर भारत अभियान पैकेज का एक हिस्सा है। इसके तहत आरईसी और पीएफसी 10 साल तक के विशेष दीर्घकालिक संक्रमण ऋणों का विस्तार करेंगे। खबरों के मुताबिक, बंगाल सरकार को 10 साल के कर्ज में तीन साल की मोहलत है और यह 84 ईएमआई में चुकाने योग्य है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 72 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है, जबकि मरने वालों की संख्या 16 सौ से भी ऊपर चली गई है। हालांकि ठीक होने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा दर्ज किया गया है और यह आंकड़ा 50,517 तक पहुंच गया है। वहीं देश में अभी तक 17 लाख से अधिक लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, भारत इस वक्त कोरोना से संक्रमित देशों की लिस्ट में चौथे स्थान पर है।