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बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, भाजपा विधायक देवेंद्र नाथ रॉय की मौत राजनीतिक हत्या नहीं

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में बंगाल सरकार ने दायर किया हलफनामा। दाखिल हलफनामे में भूमिका पर उठा सवाल। सक्षम अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल। दो सप्ताह बाद मामले की अगली सुनवाई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 06:24 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 06:24 PM (IST)
बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, भाजपा विधायक देवेंद्र नाथ रॉय की मौत राजनीतिक हत्या नहीं
राज्य सरकार ने कहा कि सीआइडी जांच कराई गई थी और सक्षम अदालत में आरोप पत्र दायर किया।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल की ममता सरकार ने भाजपा विधायक देवेंद्र नाथ रॉय की मौत को राजनीतिक हत्या मानने से इनकार कर दिया है। रॉय की मौत की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर जवाबी हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि मामले की सीआइडी जांच कराई गई थी और सक्षम अदालत में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। बता दें कि उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद से विधायक रॉय का शव पिछले साल जुलाई में उनके घर के पास ही संदिग्ध परिस्थिति में फंदे से लटका मिला था। भाजपा नेताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में रॉय की मौत को ‘राजनीतिक हत्या‘ बताते हुए इसकी सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। 

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सक्षम अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल 

वहीं, बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में दायर हलफनामे में कहा है कि राज्य सीआइडी ने सभी पहलुओं की जांच की और मौत के कारणों का पता लगाया है। इस संबंध में सक्षम अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। 

दाखिल हलफनामे में भूमिका पर उठा सवाल

राज्य सरकार की ओर से मालदा जोन के सीआइडी के पुलिस उपाधीक्षक द्वारा दाखिल हलफनामे में इस बात से इन्कार किया गया कि देवेंद्र नाथ रॉय की मौत एक राजनीतिक हत्या थी या इसमें सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया या इसमें उसकी किसी भी तरह की भूमिका थी।

दो सप्ताह बाद मामले की अगली सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ के समक्ष मंगलवार को यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। 

दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया

याचिकाकर्ता शशांक शेखर झा और सैवियो रोड्रिग्स ने बंगाल सरकार के हलफनामे पर अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय देने का पीठ से अनुरोध किया। इस पर पीठ ने मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। 

आरोपों को झूठा और निराधार करार दिया 

वहीं, हलफनामे में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं के इन आरोपों को झूठा और निराधार करार दिया है कि रॉय की पहले हत्या की गई और इसके बाद उनका शव लटका दिया गया। 

कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर

हलफनामे में कहा है कि मृतक की पत्नी ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का अनुरोध करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने यह याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसे जांच एजेंसी के काम में किसी प्रकार का दुराग्रह नजर नहीं आया।

जिले के हेमताबाद में लटका मिला था शव

माकपा छोड़कर भाजपा में आए थे रॉय का शव 13 जुलाई 2020 को उनके घर के निकट ही उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद में लटका मिला था। वह 2016 में माकपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे।


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