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मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ कोर्ट जा सकती है बंगाल सरकार, गरमाई सियासत

बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय दिल्‍ली बुलाये जाने पर तृणमूल ने कहा- प्रतिशोध के तौर पर मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाया जा रहा है। वहीं भाजपा का कहना है कि इस मुद्दे पर सियासत का कोई सवालही नहीं उठता यह केंद्र सरकार का फैसला है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 01:40 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 01:40 PM (IST)
मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ कोर्ट जा सकती है बंगाल सरकार, गरमाई सियासत
मुख्‍य सचिव को दिल्‍ली बुलाये जाने पर बंगाल में गरमाई सियासत

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ बंगाल सरकार अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है। सरकार के करीबी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। इधर इस मुद्दे को लेकर सियासत भी गरमा गई है। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि प्रतिशोध के तौर पर केंद्र ने मुख्य सचिव को दिल्ली बुला लिया है।

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इधर भाजपा ने कहा है कि इस मुद्दे पर सियासत का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह केंद्र सरकार का फैसला है। बताते चलें कि मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को अब केंद्र में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले रिपोर्ट करनी है। बताते चलें कि बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र ने दिल्ली बुला लिया है। बतौर मुख्य सचिव उनका कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन चार दिन पहले ही ममता सरकार ने तीन महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था। लेकिन अब शुक्रवार को केंद्र सरकार ने अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुला लिया है। अलापन बंद्योपाध्याय को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अलापन बंद्योपाध्याय को अब केंद्र में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले रिपोर्ट करनी है। केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीज करने का अनुरोध किया है। 

इधर इस मुद्दे को लेकर सियासत भी गरमा गई है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि प्रतिशोध के तौर पर केंद्र ने मुख्य सचिव को दिल्ली बुला लिया है। इधर भाजपा के वरिष्ठ नेता सायंतन बसु ने कहा है कि इस मुद्दे पर सियासत का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह केंद्र सरकार का फैसला है।

गौरतलब है कि बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी ने अलापन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल चार दिन पहले ही यानी 24 मई को तीन महीने बढ़ाने के आदेश दिए थे। बतौर मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल इसी महीने के आखिर में खत्म हो रहा था। अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का फैसला ऐसे वक्त लिया गया है जब कुछ घंटों पहले ही यास तूफान में हुए नुकसान को लेकर हुई रिव्यू मीटिंग में ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच एक बार फिर टकराव देखने को मिला था। ममता बनर्जी इस मीटिंग में आधे घंटे देरी से पहुंची थीं। उनके साथ अलापन बंद्योपाध्याय भी थे। ममता ने शुक्रवार को ही अलापन बंद्योपाध्याय को दीघा विकास प्राधिकरण के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी।

अलापन बंद्योपाध्याय को ममता बनर्जी का करीबी अफसर माना जाता है। अलापन बंद्योपाध्याय 1987 बैच के आइएएस अफसर हैं। वो हावड़ा समेत कई जिलों के डीएम भी रह चुके हैं। उन्हें पिछले साल सितंबर में राजीव सिन्हा के रिटायर्ड होने के बाद बंगाल का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था।


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