बंगाल सरकार ने कॉलेजों में ऑनलाइन दाखिले की तिथि 30 अक्टूबर तक बढ़ाई
कोविड-19 संकट के मद्देनजर बंगाल सरकार ने कॉलेज में दाखिले की ऑनलाइन प्रक्रिया को 30 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। दुर्गा पूजा के दौरान यूजीसी-नेट परीक्षा पर बंगाल सरकार ने जताई आपत्ति तिथियों में बदलाव की मांग।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 संकट के मद्देनजर बंगाल सरकार ने कॉलेज में दाखिले की ऑनलाइन प्रक्रिया को 30 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। इसकी जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने दी। उन्होंने कहा कि कई ऐसे कॉलेज है, जहां अभी भी ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया को लेकर समस्या आ रही है। कुछ कॉलेजों में अभी भी सीट खाली हैं तो कुछ कॉलेजों में सीटों की कमी हो गई है। कई ऐसे छात्र हैं जो ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं ले पाए हैं। इन सभी विषयों को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि दाखिले की प्रक्रिया को 30 अक्टूबर तक बढ़ा दिया जाए। आज इसकी गाइडलाइन भी जारी कर दी जाएगी।
पार्थ ने कहा कि हमारी प्राथमिकता होगी कि कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित ना हो। अगर किसी को भी दाखिले को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो वह शिक्षा विभाग को अपनी समस्या बता सकता है।
दुर्गा पूजा के दौरान यूजीसी-नेट परीक्षा पर बंगाल सरकार ने जताई आपत्ति, तिथियों में बदलाव की मांग
बताते चलें कि कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) ने सोमवार को कहा कि स्नातक के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को अपने घर से ही ऑनलाइन परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र का जवाब देने के लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा। सीयू से संबद्ध कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के साथ हुई बैठक के बाद कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी ने कहा कि परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले संबंधित संस्थान द्वारा छात्रों को व्हाट्सऐप/ईमेल के माध्यम से सवाल भेजे जाएंगे और उन्हें इसका जवाब देने के लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, '' हम उत्तरों को अपलोड करने के लिए 30 मिनट का अतिरिक्त समय जोड़ रहे हैं लेकिन इससे अधिक नहीं। अगर किसी छात्र को नेटवर्क की समस्या का सामना करना पड़ता है तो उन्हें इसे अपने कॉलेज के समक्ष उठाना होगा।'' यह परीक्षाएं एक से लेकर आठ अक्टूबर के बीच आयोजित की जाएंगी और कॉलेज 18 अक्टूबर तक विश्वविद्यालय को नतीजे भेजेंगे।
इससे पहले, विश्वविद्यालय ने कहा था कि छात्रों को इन परीक्षाओं के प्रश्नपत्र का उत्तर देने के लिए 24 घंटे का समय दिया जाएगा, जिसकी शिक्षाविदों के एक वर्ग ने कड़ी आलोचना की थी।