बंगाल सरकार का दावा, छात्र समुदाय के लिए अधिक से अधिक रोजगार सृजित करने का हो रहा प्रयास
सरकार ने पिछले 11 वर्षों में 218 नए आइटीआइ 115 नए पालिटेक्निक और बड़ी संख्या में व्यावसायिक कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की है। आइटीआइ की संख्या 2011 में 80 थी जो 2022 में बढ़कर 298 हो गई है। इ2022 में 185 हो गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार छात्र समुदाय के लिए अधिक से अधिक रोजगार सृजित करने की दिशा में कार्य कर रही है। सरकार ने पिछले 11 वर्षों में 218 नए आइटीआइ, 115 नए पालिटेक्निक और बड़ी संख्या में व्यावसायिक कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की है। आइटीआइ की संख्या 2011 में 80 थी, जो 2022 में बढ़कर 298 हो गई है। इसी तरह पालिटेक्निक की संख्या 2011 के 70 से बढ़कर 2022 में 185 हो गई है। पालिटेक्निक/आइटीआइ में छात्र 2011 के 34,821 से बढ़कर 2022 में 1,26,800 हो गए हैं। इसमें 3.5 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।
इंटर्नशिप/नौकरी के आफर पाने वाले वोकेशनल सेंटर कई गुना बढ़ गए हैं। उनके छात्र अखिल भारतीय स्तर पर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। बंगाल सरकार के तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से विज्ञप्ति जारी कर ये आंकड़े पेश किए गए हैं। इसमें आगे कहा गया है कि राज्य सरकार के बारे में झूठी खबर फैलाई जा रही है कि नौकरी के लिए फर्जी जाब लेटर दिए गए हैं। इसमें कुछ लोग व मीडिया का एक वर्ग शामिल है। राज्य सरकार ऐसे शरारती तत्वों की कड़ी निंदा करती है।
ऐसा बदनाम करने वाला अभियान हमारे छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। सरकार छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सियासी विश्लेषकों का कहना है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और मवेशी तस्करी कांड में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से ममता सरकार की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है।
सरकार अब 'डैमेज कंट्रोल' करने में जुट गई है। इसी के तहत राज्य सरकार अब अपनी विभिन्न उपलब्धियों का बखान कर रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को जनता के लिए तेजी से काम करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि बंगाल में अगले साल ही पंचायत चुनाव होने वाला है, जिसमें मुख्य विपक्षी दल भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है इसलिए तृणमूल अभी से ग्रामीण क्षेत्रों में जन कल्याणकारी योजनाओं को गति देने में जुट गई है।