Bengal coronavirus: ICMR NICED ने कोविड-19 के ‘ओरल’ टीके पर अनुसंधान के लिए प्रस्ताव सौंपा
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (आइसीएमआर-एनआइसीईडी) ने कोविड-19 के ‘ओरल’ टीके पर अनुसंधान करने के लिए एक प्रस्ताव सौंपा है। वर्तमान में कोविड का टीका इंजेक्शन के जरिए लगाया जाता है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (आइसीएमआर-एनआइसीईडी) ने कोविड-19 के ‘ओरल’ टीके पर अनुसंधान करने के लिए एक प्रस्ताव सौंपा है। संस्थान की एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी देते बताया कि प्रस्तावित अनुसंधान परियोजना पर एक जर्मन कंपनी के सहयोग से कार्य किया जाएगा और इसे प्रस्तुति के लिए चयनित किया गया है।
कोविड-19 का यह टीका विकसित होने पर पोलियो के टीके की तर्ज पर ‘ड्रॉप’ के रूप में इसकी भी खुराक दी जा सकेगी। वर्तमान में कोविड का टीका इंजेक्शन के जरिए लगाया जाता है। आइसीएमआर-एनआइसीईडी की निदेशक शांता दत्ता ने बताया-'हमने एक ओरल टीके के लिए प्रस्ताव सौंपा है। इसे मंजूरी मिलने और धन उपलब्ध कराए जाने पर काम शुरू किया जा सकता है।'
उन्होंने आगे कहा-'प्रयोगशाला में ओरल टीका विकसित करने में पांच-छह साल का समय लगेगा। ओरल टीका विकसित हो जाने पर पहले जंतुओं पर इसका परीक्षण किया जाएगा, जैसा कि हर टीके के मामले में किया जाता है। समूची प्रक्रिया में कम से कम से छह साल का समय लगेगा और उसके बाद ही हम बाजार में ओरल टीका उपलब्ध होने की उम्मीद कर सकते हैं।'