बंगाल में आधिकारिक कोविड आंकड़ों से 11 गुना अधिक मौतें, डॉक्टर्स फोरम ने माना- जानबूझकर तथ्यों को दबाया गया
कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल 2020 से मई 2021 के बीच पश्चिम बंगाल में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) द्वारा दर्ज की गई ‘अधिक मौतों’ की संख्या अनुमानित तौर पर 120227 थी। सीआरएस में महीने-दर-महीने दर्ज की गई मौतों के आंकड़ों से निकाले गए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल 2020 से मई 2021 के बीच पश्चिम बंगाल में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) द्वारा दर्ज की गई ‘अधिक मौतों’ की संख्या अनुमानित तौर पर 1,20,227 थी। एक अंग्रेजी दैनिक के मुताबिक यह उसी अवधि के दौरान हुई 10,787 मौतों के आधिकारिक आंकड़ों से 11.1 गुना अधिक है।
हालांकि, दार्जिलिंग, झारग्राम, कलिमपोंग, उत्तर 24 परगना और पश्चिम मेदिनीपुर जैसे पांच जिलों को इस विश्लेषण के लिए उपयुक्त नहीं माना गया क्योंकि दार्जिलिंग और कलिमपोंग में इतने सालों के दौरान जबकि बाकी तीन जिलों में कुछ सालों या खासकर साल 2018 के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन डेटा अधूरे थे।
बता दें कि कोविड-19 की पहली और दूसरी, दोनों लहरों के दौरान आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक मौतें होने की जानकारियां सामने आती रही हैं। अप्रैल-दिसंबर 2020 के लिए अधिक मौतों की 64,520 संख्या कोविड-19 के आधिकारिक आंकड़ों 6,833 से 9.4 गुना अधिक थी, जबकि अप्रैल-दिसंबर 2021 के लिए अधिक मौतों की 55,207 संख्या कोविड-19 के आधिकारिक आंकड़ों 10,787 से 5.1 गुना अधिक थी।
वहीं, अप्रैल-मई 2021 में जब राज्य में चुनाव भी हो रहे थे, तब इन जिलों में आधिकारिक आंकड़ों 5,212 से 9.8 गुना अधिक 51,353 अधिक मौतें दर्ज की गईं। 31 मई 2021 तक सभी 23 जिलों में कोविड-19 से मरने वालों की कुल संख्या 15,536 थी, जो 25 जुलाई तक बढ़कर 18,073 हो गई है। ये आंकड़े पश्चिम बंगाल में जनवरी 2018 से मई 2021 तक ऑनलाइन सीआरएस में महीने-दर-महीने दर्ज की गई मौतों के आंकड़ों से निकाले गए।
कोलकाता के आंकड़ों को कोलकाता नगर निगम के आंकड़ों से मिलान में जोड़ा गया था।