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Bengal coronavirus: बंगाल के ग्रामीण अंचलों में तेजी से बढ़े कोरोना के मामले, विशेषज्ञों ने दी जांच बढ़ाने की सलाह

संक्रामक बीमारियों का इलाज करने वाले एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि पिछले चार-पांच महीने के दौरान ग्रामीण बंगाल के लोगों ने कोलकाता व विभिन्न जगहों की काफी यात्रा की है। वे अपने साथ कोरोना संक्रमण लेकर लौटे जिससे वहां हालात गंभीर हुए हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 07:15 PM (IST)
Bengal coronavirus: बंगाल के ग्रामीण अंचलों में तेजी से बढ़े कोरोना के मामले, विशेषज्ञों ने दी जांच बढ़ाने की सलाह
ग्रामीण अंचलों में कोरोना की जांच संबंधी आधारभूत संरचना न होना मामले बढ़ने की प्रमुख वजह।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के ग्रामीण अंचलों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिसे देखते हुए विशेषज्ञों ने राज्य सरकार को जांच बढ़ाने की सलाह दी है। बेलियाघाटा आइडी  अस्पताल में संक्रामक बीमारियों का इलाज करने वाले एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि पिछले चार-पांच महीने के दौरान  ग्रामीण बंगाल के लोगों ने कोलकाता व विभिन्न जगहों की काफी यात्रा की है। वे अपने साथ कोरोना संक्रमण लेकर लौटे, जिससे वहां हालात गंभीर हुए हैं। वहां जांच संबंधी आधारभूत संरचना न होना भी कोरोना के मामले बढ़ने की प्रमुख वजह है।

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बंगाल में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी वहां काफी भीड़ हुई है। एक और प्रमुख वजह यह है कि ग्रामीण बंगाल के लोग कोरोना  संबंधित स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे। वे कोरोना का टेस्ट कराने के प्रति भी उदासीन हैं।उनमें से ज्यादातर कोरोना को सामान्य सर्दी-जुकाम समझ रहे हैं। जब उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो रही है, तभी वे अस्पताल जा रहे हैं लेकिन तब तक वे कोरोना का संक्रमण काफी हद तक फैला चुके होते हैं।डॉक्टर ने आगे कहा कि ब्रिगेड परेड ग्राउंड में चुनावी रैली में किस तरह बंगाल के विभिन्न जिलों से लाखों की भीड़ हुई थी, यह सबने देखा है। 

बंगाल विधानसभा चुनाव को आठ चरणों में खींचने की कोई जरूरत नहीं थी। ग्रामीण बंगाल में कोरोना महामारी तेजी से फैलने की एक वजह चुनाव भी है। बंगाल में स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ अजय चक्रवर्ती ने कहा-' यह बात सच है कि कोरोना महामारी ग्रामीण बंगाल में फैल गई है लेकिन लेकिन हम इस आपदा से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। हमने कोरोना के मरीजों को शुरुआत में ही चिन्हित करने के लिए जिला स्तर पर एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की है। ग्रामीण इलाकों में हमारे लाखों स्वास्थ्य कर्मी सक्रिय हैं। अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जा रही है। कई मोबाइल टेस्टिंग यूनिट का भी गठन किया गया है। टेस्टिंग, मास्क पहनकर और टीकाकरण से ही हम कोरोना की चेन को तोड़ सकते हैं। 

वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम के संयोजक पुण्यब्रत गुन  ने बताया-'अभी जो हालात हैं, उसमें कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान करना बहुत जरूरी है। हमें माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर विचार करना चाहिए।  हम सभी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाना चाहिए. केंद्र व राज्य सरकारों को कोरमा का टीकाकरण कार्यक्रम तेज करना चाहिए।'

इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड हेल्थ से जुड़े माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. सुमन पोद्दार ने कहा-'इस बार बच्चे भी कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। सरकार को यूनिवर्सल वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू करना चाहिए।अगर हम इसमें देर करेंगे तो नतीजे काफी बुरे हो सकते हैं।'


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