Bengal: कोरोना संकट के बीच ममता ने सरकारी कर्मचारियों के लिए त्योहारी बोनस व एडवांस की घोषणा की
Mamata Banerjee. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बोनस और एडवांस से राज्य सरकार के करीब 10 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Mamata Banerjee. कोरोना संकट के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रमजान व दुर्गा पूजा के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए बोनस और फेस्टिवल एडवांस की घोेषणा की। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए एडहॉक बोनस 4000 रुपये दिए गए थे, इसे 2020-21 में बढ़ा कर 4200 रुपये देने की उन्होंने घोषणा की। इसे हासिल करने के लिए पिछले साल वेतन की सीमा 30 हजार रुपये तक थी जिसे बढ़ा कर 34,250 तक कर दिया गया है। यानी 34,250 तक की वेतन सीमा वाले कर्मचारी इसे पाने के हकदार होंगे।
वहीं, फेस्टिवल एडवांस को 8,000 रुपये से बढ़ा कर 10 हजार रुपये करने की ममता ने घोषणा की। इसकी वेतन सीमा भी 34,250 रुपये से बढ़ा कर 41,100 रुपये की गयी है। ममता ने कहा कि इससे राज्य सरकार को 400 करोड़ रुपये खर्च करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोनस और एडवांस से राज्य सरकार के करीब 10 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इसमें पंचायत, नगर निगम व नगर पालिका, स्कूल व विश्वविद्यालय सहित सभी कांट्रेक्चुअल व कैजुअल कर्मचारी भी लाभान्वित होंगे। ममता ने कहा कि आर्थिक संकट के बावजूद उनकी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के हित में यह फैसला लिया है।
बंगाल में 50 हजार एकड़ बंजर जमीन पर होगा उत्पादन
कोरोना संकट के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जान फूंकने व रोजगार पर जोर देते हुए बुधवार को 'माटीर सृष्टि' योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके तहत 50 हजार एकड़ बंजर जमीन पर हॉर्टिकल्चर, कृषि, मछली पालन, पशु पालन, सहित अन्य कार्य शुरू किए जाएंगे। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। राज्य के सभी जिलों के डीएम व जिलासभाधिपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक के बाद राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि पश्चिमांचल के छह जिले बांकुड़ा, पुरुलिया, वीरभूम, झाड़ग्राम, पश्चिम बर्दवान एवं पश्चिम मेदिनीपुर की ऐसी 50 हजार एकड़ जमीन के लिए राज्य सरकार ने ‘माटीर सृष्टि’ योजना तैयार की है। इसके तहत वह जमीन जिस पर कोई उत्पादन या कोई फसल नहीं होती है, ऐसी जमीनों पर आय के सृजन के लिए विभिन्न उपाय किये जायेंगे। राज्य का जल संपदा विभाग इसका नोडल विभाग होगा। अन्य विभाग भी इसमें सहायता करेंगे। कोऑपरेटिव सोसाइटी तैयार करके और कोऑपरेटिव बैंकों से ऋण लेकर यह कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में 100 दिनों के काम में शामिल लोगों का इसेतमाल किया जाएगा। इसके अलावा स्वनिर्भर समूह भी इसमें शामिल होंगे। यहां के उत्पादों का विपणन करने में भी राज्य सरकार सहयोग करेगी। इससे प्रत्यक्ष तौर पर ढाई लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा।
ममता ने बताया कि 6500 एकड़ की जमीन पर इसका काम शुरू भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वह ग्राम जागरण चाहती हैं। आने वाले दिनों में यही विकास का मॉडल होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले दो से तीन महीनों के भीतर बांग्ला आवास योजना के तहत 10 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को 100 दिनों के काम की योजना में और अधिक लोगों को शामिल करने के लिए कहा। ममता ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि वहां से केवल आत्मनिर्भरता का भाषण दिया जाता है, लेकिन राज्य सरकार ने यह कर दिखाया है। इस योजना के अलावा राज्य में 7.5 लाख पीपीइ, 45 लाख मास्क व सैनिटाइजर तैयार किए गए। इससे 13.2 लाख श्रम दिवस का सृजन हुआ। आने वाले 15 दिनों में और 8.5 लाख श्रम दिवस का सृजन होगा।
बंगाल के हर जिले में होगा सेंटिनल सर्वे, महामारी के मुकाबले के लिए बनेगी योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि महामारी का मुकाबला करने के लिए राज्य के हर जिले में सेंटिनल सर्वे किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि ऐसा सर्वे करने वाला बंगाल पहला राज्य होगा। सेंटिनल सर्वे में यह देखा जाएगा कि कोई बीमारी कैसे अपने पांव पसार रही है। इसके तहत हर जिले से हर हफ्ते 200 सैंपल लिये जायेंगे ताकि जनता में कोविड की मौजूदगी का एक समय के अंतराल में पता लगाया जा सके। सर्वे में लॉकडाउन को वापस लिए जाने से होने वाले प्रभाव की समीक्षा की जाएगी। इसका अध्ययन करके इससे निपटने के लिए उपयुक्त रणनीति बनाई जाएगी। ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड ऑन कोविड रिस्पॉन्स पॉलिसी इन वेस्ट बंगाल ने इसके लिए सुझाव दिया है। सर्वे में लोगों को जोखिम वाली दो श्रेणियों में विभक्त किया जायेगा। जिनमें गर्भवती महिलाएं एवं आम ओपीडी मरीज, जिन्हें छाती संबंधी कोई समस्या नहीं है, वह कम जोखिम वाले ग्रुप में रहेंगे। स्वास्थ्य कर्मी व एएनएम/आशा कर्मी हाई रिस्क ग्रुप में रहेंगी।