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Bengal Chunav 2021: जिसे मिलेगा आधी आबादी का साथ, वही करेगा बंगाल पर राज

Bengal Chunav 2021 बंगाल के रण में लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। सभी अपने चुनावी सभाओं में महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 09:20 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 09:20 AM (IST)
Bengal Chunav 2021: जिसे मिलेगा आधी आबादी का साथ, वही करेगा बंगाल पर राज
पिछले दो विधानसभा चुनावों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का मतदान फीसद रहा अधिक

हृदयानंद गिरि, दुर्गापुर। Bengal Chunav 2021 बंगाल की सत्ता की चाबी पिछले कुछ चुनावों से आधी आबादी यानि महिलाओं के पास ही रही है। ऐसे में जिसे आधी आबादी का साथ मिलेगा, वह दल ही बंगाल की सत्ता में राज करेगा। यही वजह है कि भाजपा हो या तृणमूल कांग्रेस सभी आधी आबादी को साधने के लिए हर हथकंडा अपना रहे है। दोनों दलों के संकल्प पत्र हों या घोषणा पत्र, सबमें महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश की गई है।

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बंगाल के रण में लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। सभी अपने चुनावी सभाओं में महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जहां सामान्य वर्ग की महिलाओं को मासिक 500 रुपये और अनुसूचति जाति एवं अनुसूचित जनजाति को 1000 हजार रुपये भत्ता देने की घोषणा की है।

वहीं चिकित्सा योजना स्वास्थ्य साथी में महिला को ही परिवार का मुखिया बनाया गया है। इसके अलावा छात्राओं के लिए कन्याश्री, विधवा महिलाओं के लिए मासिक एक हजार रुपये पेंशन जैसी योजना धरातल पर उतार दी है। इसके सहारे तृणमूल बंगाल के रण में बाजी मारने की फिराक में है। इधर भाजपा ने भी महिलाओं को साधने के लिए अपने संकल्प पत्र में राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने, बेटियों के लिए केजी से पीजी तक पढ़ाई मुफ्त करने, बसों में महिलाओं का किराया माफ करने आदि पर जोर दिया गया है।

पिछले चुनावों में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने किया था मतदान: भाजपा एवं तृणमूल के द्वारा चुनाव में महिला मतदाताओं को तवज्जो देने का मुख्य कारण उनका वोट फीसद है। बंगाल में महिलाएं आरंभ से ही अपने मताधिकार के प्रयोग को लेकर तत्पर रही है। वर्ष 2011 एवं वर्ष 2016 में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया। वर्ष 2011 में जहां पूरे सूबे में पुरुषों का वोट फीसद 84.22 फीसद था, जबकि महिलाओं को वोट फीसद 84.45 फीसद था। उसी तरह वर्ष 2016 में पुरुषों का मतदान फीसद 82.28 फीसद था, जबकि महिलाओं का वोट फीसद 88.13 फीसद था। दोनों ही साल लगातार महिलाओं ने अधिक मतदान किया।

पिछले चुनाव में 39 फीसद महिलाएं हुईं निर्वाचित: बंगाल में महिला प्रत्याशियों की जीत का आंकड़ा काफी कम है। वर्ष 2016 के चुनाव में विभिन्न दलों की महिलाओं ने 200 सीटों पर चुनाव लड़ा एवं उन्हेंं मात्र 39 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि 118 महिला प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई।


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