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Bengal Chunav: रेडलाइट एरिया सोनागाछी की देह वर्करों का राजनीतिक दलों को दो-टूक- हमें हमारा हक दे दो और वोट ले लो!

Bengal Assembly Elections 2021 रेडलाइट एरिया के सारे बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया कोलकाता के सोनागाछी में हैं करीब 10000 देह व्यापरी वर्कर करीब 5500 के पास हैं मतदाता परिचय पत्र

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 09:15 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 09:43 AM (IST)
Bengal Chunav: रेडलाइट एरिया सोनागाछी की देह वर्करों का राजनीतिक दलों को दो-टूक- हमें हमारा हक दे दो और वोट ले लो!
रेडलाइट एरिया के सारे बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। उनकी अपनी एक अलग दुनिया है। गंदी-संकरी गलियों में सिमटी जिंदगी, जहां रात के अंधेरे में चोरी-छिपे लोग पहुंचते हैं। समाज के बीच रहकर भी सबसे कटा हुआ है यह तबका। ये हैं एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया कोलकाता के सोनागाछी की देह वर्कर्स। जिस्मफरोशी उनका शौक नहीं, मजबूरी है। कुछ अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपनी मर्जी से यहां हैं तो कुछ जबरन लाई गई थीं। बहुतों ने तो यहां आकर अपना परिवार भी बसा लिया है। पति और बच्चे भी हैं। वे अब सोनागाछी की वाशिंदा हैं। उनके पास मतदाता परिचय पत्र भी है।

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चुनाव आते हैं तो रेडलाइट एरिया में उम्मीद की किरण फूटती है। देह वर्करों को लगता है कि समाज के अन्य वर्गों की तरह उनकी भी सुध ली जाएगी, आखिर वे भी तो मतदाता हैं लेकिन हर बार उनकी आस धरी की धरी रह जाती है इसलिए अबकी बार ज्यादातर देह वर्कर राजनीतिक दलों से दो-टूक कह रही हैं-हमें हमारा हक दे दो और वोट ले लो!

सोनागाछी की पुरानी देह वर्कर और देह वर्करों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन दुर्बार महिला समन्वय समिति की सचिव काजल बोस ने कहा-'कोई हमारी सुध नहीं लेता। हम हमेशा से ही उपेक्षित रहे हैं, फिर भी हर बार इसी उम्मीद से मतदान करते हैं कि कभी तो किसी सरकार का हमारी ओर ध्यान जाएगा।

देह वर्कर व दुर्बार की अध्यक्ष विशाखा लस्कर ने कहा-'समाज में भले हम घोर उपेक्षित हैं लेकिन हम अपना सामाजिक दायित्व कभी नहीं भूलते। मैं पिछले 12 वर्षों से मतदान करती आ रही हूं। बस यही चाहती हूं कि बंगाल में अगली सरकार जिस पार्टी की भी बने, वह हमारी तरफ भी देखे। सरकारी प्रकल्पों में हमारा नाम भी शामिल हो।

क्या चाहती हैं देह वर्कर

विशाखा ने कहा-'हम बस नाम के देह वर्कर हैं। हम चाहते हैं कि हमें कानूनी तौर पर 'वर्करÓ के रूप में मान्यता प्रदान की जाए। हम जो काम करते हैं, उसे 'पेशाÓ का भी नाम दिया जाए। सरकारी सुविधाओं का हमें भी लाभ मिल सके, इस बाबत सरकारी प्रकल्पों में हमारा नाम भी शामिल किया जाए। रेडलाइट एरिया में चल रही गुंडागर्दी को रोकने के लिए भी सरकार कदम उठाए।

रेडलाइट एरिया के सारे बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग

सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट के प्रिंसिपल डा. स्मरजीत जाना ने कहा-'हम चाहते हैं कि कोलकाता समेत बंगाल के सारे रेडलाइट एरिया में पड़ने वाले बूथों को संवेदनशील घोषित किया जाए। इससे देह वर्करों में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे मतदान के प्रति उत्साहित होंगे। डा. जाना ने इस बाबत केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र भी लिख चुके हैं।

सोनागाछी में करीब 10,000 देह वर्कर हैं। इनमें से 7,000 यहीं रहकर जिस्मफरोशी का धंधा करती हैं, बाकी विभिन्न जगहों से आती हैं। 7,000 में से करीब 5,500 देह वर्करों के पास मतदाता परिचय पत्र हैं। सोनागाछी में कुल 25,000 मतदाता हैं, जिनमें देह वर्करों के दलाल भी शामिल हैं। सोनागाछी कोलकाता उत्तर लोकसभा क्षेत्र व जोड़ासांको विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसके तहत रामबगान, सेठबगान, अविनाश कविराज स्ट्रीट, पलातक और रवींद्र सरणी का एक हिस्सा शामिल हैं। 


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