Bengal Chunav: भाजपा नेता राजीब बनर्जी का आरोप, कटमनी संस्कृति का विरोध करने पर टीएमसी ने दरकिनार किया
बंगाल के पूर्व मंत्री व भाजपा नेता राजीब बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कटमनी की संस्कृति का विरोध करने को लेकर उन्हेंं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में दरकिनार किया गया। साथ ही दूसरे कार्यकाल के दौरान हर वक्त उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के पूर्व मंत्री व भाजपा नेता राजीब बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कटमनी की संस्कृति का विरोध करने को लेकर उन्हेंं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में दरकिनार किया गया। साथ ही दूसरे कार्यकाल के दौरान हर वक्त उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया, जिसके चलते उन्हेंं राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ आखिरकार अपना नाता तोडऩा पड़ा।
हावड़ा के डोमजूर से भाजपा प्रत्याशी बनर्जी ने मनरेगा के क्रियान्वयन में राज्य के प्रथम स्थान पर होने का टीएमसी के प्रचार करने का भी उन्होंने मजाक उड़ाया और कहा कि यह विशिष्टता बंगाल में युवाओं के लिए नौकरियों की कमी की गवाही देती है। एक वक्त टीएमसी के प्रमुख नामों में शामिल रहे, पूर्व वन मंत्री ने कहा कि उन्होंने सक्रिय राजनीति छोडऩे का विचार किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव लडऩे की चुनौती इस उम्मीद में स्वीकार कर ली कि भाजपा राज्य में विकास का नये युग का सूत्रपात करेगी।
जनवरी में भाजपा में शामिल हुए 51 वर्षीय बनर्जी, डोमजूर सीट से तीसरी बार जीत दर्ज करने की उम्मीद कर रहे हैं, जहां से वह 2011 से टीएमसी प्रत्याशी के तौर पर दो बार जीत चुके हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में अपने कड़वे अनुभवों के बारे में बनर्जी ने कहा कि उन्हेंं एक बार सबुज साथी परियोजना के तहत विद्याॢथयों को साइकिल वितरित करने में गडड़बड़ी की शिकायत मिली थी और उन्होंने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को दी थी। उन्होंने व्यस्त चुनाव प्रचार से अलग एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा, यह बात बताने का यह नतीजा हुआ कि मुझे विभाग से हटा दिया गया क्योंकि मैंने कमीशन लेने की संस्कृति को खत्म करने की कोशिश की। टीएमसी सरकार पर उनके निर्वाचन क्षेत्र के परियोजना कार्यों के लिए फाइलों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने दावा किया कि जब भी उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और पार्टी सदस्यों के एक वर्ग के निहित स्वार्थों के रास्ते में आने की कोशिश की, उन्हेंं उनके मंत्रालयों से उन्हेंं हटा दिया गया।
चुनाव पूर्व टीएमसी को धोखा देने से पहले अपने पद की तमाम शक्तियों का लाभ उठाने के आरोपों पर पूर्व सिंचाई मंत्री ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के लोग इलाके में उनके विकास कार्यों से भली-भांति अवगत हैं। बताते चलें कि बनर्जी का टीएमसी छोड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामना भगवा पार्टी के लिए बिन मांगी मुराद पूरी होने जैसी है, जो बंगाल में सत्ता हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है।