Bengal Chunav 2021: भारती घोष का ममता व उनके भतीजे पर निशाना, कहा- खोकाबाबू तोलाबाज, उखाड़ फेंको जंगलराज
बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले जुबानी जंग तेज है। प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष व पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके भतीजे व सांसद अभिषेक बनर्जी पर जमकर हमला बोला कहा- राज्य में बहुत विकट स्थिति है यह अन्याय का अंत बहुत जल्द होगा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले जुबानी जंग तेज है। इसी कड़ी में हुगली जिले के धनियाखाली में सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा की भाजपा उपाध्यक्ष व पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके भतीजे व सांसद अभिषेक बनर्जी पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि राज्य में खोकाबाबू (अभिषेक) तोलाबाजी कर रहे हैं। जिनके पास खाने की स्थिति नहीं थी, एक छोटी सी दुकान थी, उनके पास आज कोलकाता के प्रमुख इलाके में सात करोड़ रुपये का घर है। जनता सब देख रही है। घोष ने नारा दिया, ‘खोका बाबू तोलाबाज, ऊखरे फेलो गुंडाराज’ (खोकाबाबू रंगदार, उखाड़ फेंको जंगलराज)।
उन्होंने कहा कि राज्य में तोलाबाजी, कटमनी, बेरोजगारी, अन्याय व अत्याचार से जनता तंग है। लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। लाखों लोग रोजी के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं और बाहर जानेवालों को राज्य में लौटने नहीं दिया जा रहा। उन्हें कोरोना कह कर पुकारा जा रहा था। जनता अपमान का 2021 विधानसभा चुनाव बदला लेगी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए द्वारे-द्वारे सरकार अभियान को लेकर कहा कि राज्य में पहले घूसखोरी बंद करें। लोगों को रोजगार दें, ताकि वे दो वक्त भोजन सही से कर पायें, तब द्वारे-द्वारे रसगुल्ला-जल खाने जायें। घोष ने कहा कि राज्य की परेशान जनता ‘दीदी के बोलो’ पर फोन करते हैं तो फोन दीदी के पास तो जाता नहीं, कोई और उठाता है। बार-बार फोन करके समस्या का समाधान तो होता नहीं, फोन का बिल जरूर बढ़ जाता।
उन्होंने कहा कि महिला मुख्यमंत्री के राज में राज्य की महिलाएं तक सुरक्षित नहीं हैं। उनके साथ कथित तौर पर रोजाना दुष्कर्म हो रहा है। अगर इसका कोई संबंधी विरोध करता है तो उसे माओवादी बता दिया जाता है। राज्य की जनता लांछित, वंचित, अपमानित हैं। महिलाएं भयभीत हैं, शिक्षक अपमानित हो रहे हैं। राज्य के डॉक्टर व वकील मार खा रहे हैं। बचानेवाली पुलिस डर के मारे टेबुल के नीचे छुप जाते हैं। अगर कोई तृणमूल के गुंडों से हिम्मत करके बचाने जाता है तो वह कैंसर घोषित हो जाता है और हटा दिया जाता है।
पुलिस भय से थर-थर कांपती है। यहां तक कि पैर भी छूते दिखती है। राज्य में बहुत विकट स्थिति है। यह अन्याय का अंत बहुत जल्द होनेवाला है। आसमान में बादल गहरा रहे हैं। बहुत जोर से परिवर्तन की हवा बहेगी। माननीया (ममता बनर्जी) के पास कितने छाते हैं? क्या वह इस परिवर्तन के तूफान को रोक पायेंगी? अमित शाह के रोड शो में स्वेच्छा से आये डेढ़ लाख लोगों से इसका अंदाजा उन्हें लग गया होगा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सभा में तो पुलिस बाजार-दुकान बंद करवा कर भीड़ जुटाती है।