वाममोर्चा के साथ 'गलतफहमी' दूर करने की कोशिश में कांग्रेस, अधीर रंजन चौधरी वाममोर्चा अध्यक्ष बिमान बोस से करेंगे बातचीत
बंगाल की चार विधानसभा सीटों गोसाबा खड़दह दिनहाटा व शांतिपुर में आगामी 30 अक्टूबर को होने जा रहे उपचुनावों में वाममोर्चा के साथ गठबंधन नहीं होने के बाद अब कांग्रेस उसके साथ गलतफहमी दूर करने की कोशिश में है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल की चार विधानसभा सीटों गोसाबा, खड़दह, दिनहाटा व शांतिपुर में आगामी 30 अक्टूबर को होने जा रहे उपचुनावों में वाममोर्चा के साथ गठबंधन नहीं होने के बाद अब कांग्रेस उसके साथ 'गलतफहमी' दूर करने की कोशिश में है। बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी इस बाबत विजयादशमी के दिन वाममोर्चा अध्यक्ष बिमान बोस से मुलाकात करेंगे। दोनों एक दूसरे को दुर्गापूजा की शुभकामनाएं देंगे और नए सिरे से उपचुनाव में समझौते पर चर्चा होगी।
गौरतलब है कि वाममोर्चा ने कांग्रेस से बातचीत किए बिना ही चारों विस सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी थी। वाममोर्चा ने साफ कर दिया है कि वह आगे कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगा। कांग्रेस व वाममोर्चा ने साथ मिलकर पिछला बंगाल विस चुनाव लड़ा था। जुगलबंदी के बावजूद दोनों को एक भी सीट नसीब नहीं हो पाई थी। उसके बाद से दोनों पक्षों में दूरी बढ़नी शुरू शुरू हो गई थी।
वाममोर्चा में शामिल माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने साफ शब्दों में कहा है कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ आगे किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। दूसरी तरफ अधीर अभी भी साथ मिलकर चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं इसलिए वह वाममोर्चा के साथ गलतफहमी दूर करना चाहते हैं।
बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा-'हम वाममोर्चा के साथ गठबंधन जारी रखना चाहते हैं इसलिए हमने दिनहाटा, खड़दह और गोसाबा में अपने उम्मीदवार खडे़ नहीं किए। हमने शांतिपुर में पिछला विस चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार वहां माकपा ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया है। इस कारण बाध्य होकर हमें भी अपना उम्मीदवार उतारना पड़ा है। अधीर ने आगे कहा कि मोदी और ममता में गुप्त समझौता हो चुका है। दोनों में तय हुआ है कि बंगाल दीदी संभालेंगी और दिल्ली में मोदी राज करेंगे।