बंगाल भाजपा ने बूथ स्तर के संगठनों को मजबूत करने पर ध्यान देने को कहा
केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान की सलाह के बाद प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने अब राज्य में अपने बूथ स्तर के संगठनों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है। इस पहल को अगले साल पंचायत चुनाव एवं 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान की सलाह के बाद प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने अब राज्य में अपने बूथ स्तर के संगठनों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है। प्रधान ने बीते शुक्रवार को अपने हालिया एक दिवसीय दौरे में प्रदेश नेतृत्व के साथ बैठक में आगाह किया था कि मजबूत जमीनी स्तर की संगठनात्मक उपस्थिति के अभाव में, पार्टी भ्रष्टाचार के कई मुद्दों का लाभ नहीं उठा पाएगी, जिससे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस वर्तमान में परेशान हैं। इसके बाद अब पार्टी ने इसकी कवायद शुरू कर दी है और संबंधित नेताओं को इसका निर्देश दिया गया है।
इस पहल को राज्य में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव एवं 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। दरअसल, प्रधान ने बंगाल भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की थीं। प्रधान कोलकाता जोन के प्रभारी भी हैं। बैठक में प्रधान ने राज्य इकाई को सलाह दी थी कि वह बंगाल में जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जन अभियान और आंदोलन चलाने के अलावा शिक्षकों की भर्ती, मवेशी और कोयले की तस्करी जैसे घोटाले के बड़े मुद्दों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करे। भाजपा की राज्य समिति के एक सदस्य ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्य में बूथ स्तर की कमेटियों के निष्क्रिय होने पर असंतोष जताया था। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पार्टी पिछले कुछ चुनावों के दौरान बूथ समितियों के अस्तित्व के बावजूद राज्य के कई बूथों पर अपने एजेंटों की उपस्थिति सुनिश्चित करने में असमर्थ क्यों थी।
केंद्रीय मंत्री का संदेश स्पष्ट था कि बूथ स्तर की मजबूत उपस्थिति के बिना, पार्टी को भ्रष्टाचार के मुद्दों और मामले में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों की जांच से कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने राज्य इकाई को आगामी त्योहारी सीजन के बाद फिर से बंगाल आने का भी आश्वासन दिया। बता दें कि बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा अंतर्कलह से जूझ रही है। इसको दूर करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व लगातार प्रयासरत है।