Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल के फिल्म उद्योग टॉलीवुड में भी तृणमूल-भाजपा आमने-सामने
विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर बंगाली फिल्म इंडस्ट्री और इसके कलाकार किसका साथ देंगे। बंगाल का फिल्म उद्योग टॉलीवुड इन दिनों तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच बंटा हुआ दिखाई देता है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल का फिल्म उद्योग टॉलीवुड इन दिनों तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच बंटा हुआ दिखाई देता है। विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर बंगाली फिल्म इंडस्ट्री और इसके कलाकार किसका साथ देंगे।
ऐसा कहा जाता है कि जो भी राजनीतिक दल टॉलीवुड और इसके कलाकारों का ज्यादा से ज्यादा समर्थन हासिल कर ले, वह इसके सांस्कृतिक शक्ति का इस्तेमाल कर बंगाल मानस के बीच अपनी जगह बनाने में कामयाब हो जाता है। यही वजह है कि एक तरफ कलाकारों की आजादी छीनने का आरोप झेल रही तृणमूल कांग्रेस कलाकारों और फिल्मकारों के बीच फिर से अपनी बेहतर छवि बनाने में जुटी है तो वहीं भाजपा ज्यादा से ज्यादा फिल्मी हस्तियों को पार्टी ज्वाइन कराकर बंगाल में अपनी जड़ें मजबूत कर रही है।
तृणमूल के पास नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती दीपक अधिकारी उर्फ देव, शताब्दी रॉय सांसद के रूप में मौजूद हैं जबकि ब्रात्य बसु ममता सरकार में मंत्री हैं। चिरंजीत, नैना बंदोपाध्याय और देबाश्री रॉय विधायक के रूप में जीत दर्ज चुके हैं। वहीं बाबुल सुप्रियो, रूपा गांगुली और लॉकेट चटर्जी भाजपा में शामिल हुए और संसद में कार्यभार संभाल रहे हैं।
सेलुलॉइड के बड़े पर्दे की रोशनी से अपनी राजनीति चमकाने का दौर वाममोर्चा सरकार के दौरान ही शुरू हो गया था। फिल्मी सितारों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के जरिए ओपिनियन बिल्डिंग कराने के लिए होता था। बंगाल के मशहूर दिवगंत अभिनेता सौमित्र चटर्जी कई बार माकपा की रैलियों में देखे गए लेकिन कभी सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं बने। इसी तरह मशहूर फिल्म निर्देशक ऋत्विक घटक और मृणाल सेन भी विचारों से आजीवन कम्युनिस्ट रहे और अपनी फिल्मों के जरिए ही राजनीति पर प्रहार करते रहे।