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Bengal Assembly Elections 2021: इस सीट पर केंद्र और राज्य के मंत्री आमने-सामने, दोनों की साख दांव पर

तृणमूल ने 2019 में उन्हें हराने के लिए दिग्गज अभिनेत्री व बांकुड़ा से सांसद रहीं मुनमुन सेन का सीट बदलकर उन्हें आसनसोल से उतारा लेकिन बाबुल ने करारी शिकस्त दी। इसके बाद मोदी सरकार-2 में भी बाबुल को राज्यमंत्री बनाया गया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 10:11 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 10:51 PM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: इस सीट पर केंद्र और राज्य के मंत्री आमने-सामने, दोनों की साख दांव पर
पिछले दो दशक से इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का है कब्जा, इस बार मिल रही कड़ी चुनौती

राजीव कुमार झा, कोलकाता। कोलकाता की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में एक टॉलीगंज में इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। नंदीग्राम के बाद इस हाईप्रोफाइल सीट पर सबकी नजरें हैं। इसका कारण यह है कि इस सीट पर इस बार केंद्र व राज्य के मंत्री आमने-सामने हैं। सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से जहां इस सीट से पिछले तीन बार से लगातार जीतते आ रहे बंगाल सरकार में खेल व युवा एवं पीएचडी मंत्री व ममता बनर्जी के बेहद करीबी अरूप विश्वास एक बार फिर मैदान में हैं।

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दूसरी ओर तृणमूल के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रही भाजपा ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री व आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। दोनों मंत्रियों की यहां साख दांव पर है। अरूप विश्वास 2006 से ही यहां से विधायक हैं। लेकिन भाजपा द्वारा इस सीट से बाबुल को प्रत्याशी बनाए जाने से इस बार विश्वास की राह आसान नहीं दिख रही है। उन्हें इस बार कड़ी चुनौती मिल रही है। तृणमूल के विश्वास का विजय रथ रोकने के लिए बाबुल पूरी ताकत से जुटे हैं। वहीं, माकपा से देवदूत घोष भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं। इस सीट पर चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान है।

टॉलीवुड के चलते टॉलीगंज की है एक अलग पहचान

वैसे तो यह विधानसभा क्षेत्र दक्षिण 24 परगना जिले का हिस्सा है, लेकिन यह दक्षिण कोलकाता का सबसे महत्वपूर्ण इलाका है। बांग्ला फिल्म उद्योग यानी टॉलीवुड यहीं से संचालित होता है, इसीलिए टॉलीगंज की राज्य में एक अलग पहचान है। राज्य के सभी बड़े फिल्मी सितारों का यहीं जमघट रहता है।

2001 से इस सीट पर तृणमूल का है कब्जा

पिछले दो दशक यानी 2001 से ही इस सीट पर तृणमूल का कब्जा है। उससे पहले इस सीट पर कांग्रेस व माकपा का कब्जा रहा है। मंत्री अरूप विश्वास ने यहां से लगातार तीन बार 2006, 2011 व 2016 में जीत दर्ज की है और इस बार जीत का चौका लगाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2016 में विश्वास ने माकपा के मधु सेन रॉय को 9896 वोटों से हराया था। भाजपा प्रत्याशी एन मोहन राव तीसरे स्थान पर रहे थे और उन्हें करीब 15 हजार वोट मिले थे। अब टॉलीगंज में क्या फिर से आएगी तृणमूल या खिलेगा कमल इसपर सभी की नजरें हैं।

बाबुल के लिए नड्डा तो विश्वास के लिए जया बच्चन कर चुकी हैं रोड शो

टॉलीगंज में बाबुल के समर्थन में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और तृणमूल के अरूप विश्वास के लिए समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सदस्य व गुजरे जमाने की अभिनेत्री जया बच्चन तक रोड शो कर चुकी हैं। संयोग से दोनों ने एक ही दिन सोमवार को रोड शो किया।

बाबुल व विश्वास दोनों जीत के प्रति आश्वस्त

इधर, गायिकी की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाले भाजपा के बाबुल सुप्रियो इस सीट से जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त दिख रहे हैं। उनका कहना है कि टॉलीपारा (टॉलीगंज) के लोगों का इस बार उन्हें आर्शीवाद मिलेगा। दूसरी ओर, अरूप विश्वास का कहना है कि वह हमेशा यहां के लोगों के साथ रहे हैं, इसलिए चौथी बार भी उन्हें ही आर्शीवाद मिलेगा।

आसनसोल से लगातार दो बार जीत चुके हैं बाबुल

बाबुल का गायक से राजनेता बनने और सांसद से केंद्रीय मंत्री तक का सफर किसी फिल्मी स्टाइल से कम नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बाबुल भाजपा में शामिल हुए और उन्होंने आसनसोल सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्हें पहली बार में ही केंद्रीय राज्यमंत्री बना दिया गया। 2019 में आसानसोल से उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की। तृणमूल ने 2019 में उन्हें हराने के लिए दिग्गज अभिनेत्री व बांकुड़ा से सांसद रहीं मुनमुन सेन का सीट बदलकर उन्हें आसनसोल से उतारा, लेकिन बाबुल ने करारी शिकस्त दी। इसके बाद मोदी सरकार-2 में भी बाबुल को राज्यमंत्री बनाया गया।


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