Bengal Assembly Election : भाजपा के चुनाव प्रचार के दौरान टांग दिए गए जूता-चप्पल व झाड़ू
विरोध-तृणमूल कांग्रेस पर लगा जूता-चप्पल व झाड़ू डांगने का आरोप। बीरभूम जिले के लाभपुर विधानसभा क्षेत्र में हुई है घटना। तृणमूल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भाजपा की गुटबाजी की वजह से ऐसा हुआ होगा
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बंगाल विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं व प्रत्याशियों पर चुनाव प्रचार के दौरान लगातार हमले होते आ रहे हैं। झूठी शिकायतें पर घंटों प्रचार करने वाले कार्यकर्ताओं व नेताओं को थाने में बैठाया जा रहा है। पोस्टर-बैनर, झंडे लगाने के बाद ही फाड़ कर हटा दिया जा रहा है। परंतु, इन सबके बीच बीरभूम जिले के लाभपुर विधान सभा क्षेत्र में एक गजब का मामला सामने आया है।
मंडल का आरोप है उन पर जूता भी फेंका गया
यहां भाजपा प्रत्याशी के प्रचार के दौरान सड़कों व गलियों में फटे-पुराने जूता-चप्पल और झाड़ू टांग दिया गया और यह आरोप तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों पर कार्यकर्ताओं पर लगा है। लाभपुर से भाजपा प्रत्याशी बिश्वजीत मंडल जब भी चुनाव प्रचार के लिए घर से निकलते हैं तो उन क्षेत्र में जूते-चप्पल व झाड़ू टांग दिए जा रहे हैं जहां उन्हें प्रचार करना होता है। यही नहीं मंडल का आरोप है कि उन पर जूता भी फेंका गया है।
आरोप-तृकां ने दिया इस गतिविधि को अंजाम
भाजपा उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दिया है और पूरे लाभपुर विधानसभा क्षेत्र में इन जूतों के साथ प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा, मैं लोगों के दरवाजे पर जा रहा हूं। यह मेरा प्रजातांत्रिक अधिकार है। तृणमूल के बदमाश हमारे सामने जूता का माला टांग दिया है।
जूते को सिर पर रख कर चलने के लिए तैयार
मैं यह जूता सिर पर रखने के लिए तैयार हूं। लाभपुर के लोग इस पर विचार करेंगे। तृणमूल ने 10 वर्षो में जो काम किया है। दो मई के बाद उनके सिर पर लोगों का जूता पड़ने वाला है। मैं तो लोगों के जूते को सिर पर रख कर अगले पांच साल तक चलने के लिए तैयार हूं।
शायद भाजपा की गुटबाजी से ऐसा हुआ हो
दूसरी ओर तृणमूल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भाजपा की गुटबाजी की वजह से ऐसा हुआ होगा। क्योंकि, मंडल को भाजपा के दूसरे गुट पसंद नहीं करते।
भाजपा व तृणमूल के बीच कांटे की टक्कर
ज्ञात हो कि इस सीट पर भाजपा व तृणमूल के बीच कांटे की टक्कर है। साल 2016 में इस सीट से तृणमूल के टिकट पर मनीरूल इस्लाम निर्वाचित हुए थे लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि इस बार उन्हें भाजपा की ओर से टिकट नहीं दिया गया है।