बंगाल में 2021 में विस चुनाव से पहले तृणमूल ने हिंदी सेल को किया पुनर्गठित, दिनेश त्रिवेदी को बनाया चेयरमैन
हिंदी दिवस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी सेल पुनर्गठित कर औपचारिक रूप दिया। दावा 2011 में ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद से अनौपचारिक तरीके से काम कर रहा था हिंदी सेल।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हिंदी भाषी लोगों को एक साथ लाने के लिए पार्टी के हिंदी सेल का सोमवार को पुनर्गठन कर इसकी संरचना को औपचारिक रूप दिया। पार्टी सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल हिंदी सेल (प्रकोष्ठ) का पुनर्गठन करते हुए इसके चेयरमैन के रूप में दिनेश त्रिवेदी एवं अध्यक्ष विवेक गुप्ता को नियुक्त किया है।
आज हिंदी दिवस, औपचारिक रूप से काम करेगा प्रकोष्ठ
तृणमूल के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिनेश त्रिवेदी ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आज (सोमवार) हिंदी दिवस है और इस दिन प्रकोष्ठ की संरचना को औपचारिक रूप देने का फैसला किया गया है, जो 2011 में ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद से अनौपचारिक तरीके से काम कर रहा था।
विभिन्न भाषा बोलने वालों के लिए अपने दरवाजे खुले
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नियुक्त किये गये त्रिवेदी ने कहा, 'हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सभी भाषाओं को फूलों के गुलदस्ते के रूप में देखती हैं और राज्य सरकार ने विभिन्न प्रकार की भाषा बोलने वाले लोगों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं।'
प्रकोष्ठ जमीनी स्तर पर हिंदी को मजबूत करेगा : गुप्ता
उन्होंने कहा कि प्रकोष्ठ जमीनी स्तर पर हिंदी को मजबूत करेगा। वहीं, हिंदी सेल का अध्यक्ष नियुक्त किए गए पूर्व राज्यसभा सदस्य विवेक गुप्ता ने कहा कि यह गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि है, जहां सभी भाषाओं का सम्मान किया जाता है।
राज्य में लाखों हिंदी भाषी, सभी हर लिहाज से बंगाली
राज्य में लाखों हिंदी भाषी लोग रहते हैं और सभी हर लिहाज से बंगाली हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल एक एकमात्र गैर-हिंदी भाषी राज्य है, जहां हिंदी विश्वविद्यालय, कई हिंदी माध्यम के स्कूल और कॉलेज हैं।
हिंदी सेल विभाजनकारी ताकतों को भी परास्त करेगा
उन्होंने कहा कि हिंदी सेल लोगों को एकजुट करने की कोशिश करेगा और लोगों में फूट पैदा करने की कोशिश कर रही विभाजनकारी ताकतों को परास्त करेगा। इस दौरान त्रिवेदी और गुप्ता दोनों ने इस बात से इनकार किया कि इस समय सेल को औपचारिक रूप देने के पीछे कोई राजनीतिक कारण शामिल है।