कोलकाता में बांग्लादेश के वीजा आवेदन केंद्र का उद्घाटन
बांग्लादेश के विदेश मामलों के राज्य मंत्री मोहम्मद शहरियार आलम ने कोलकाता की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कहा था कि कूटनीति और व्यवसायों से संबंधित कार्य राजनयिक मिशन का मुख्य उद्देश्य हैं और वीजा सेवाओं को उप उच्चायोग कार्यालय से दूसरे भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता में बांग्लादेश के पहले वीजा आवेदन केंद्र का उद्घाटन किया गया। एक बयान में यह जानकारी दी गई। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने डिजिटल तरीके से इस केंद्र का उद्घाटन किया। वीजा आवेदन केंद्र शहर के पास साल्टलेक क्षेत्र में स्थित है। इस कार्यक्रम में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त तौफीक हसन भी मौजूद थे।
बांग्लादेश के विदेश मामलों के राज्य मंत्री मोहम्मद शहरियार आलम ने कोलकाता की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कहा था कि कूटनीति और व्यवसायों से संबंधित कार्य राजनयिक मिशन का मुख्य उद्देश्य हैं और वीजा सेवाओं को उप उच्चायोग कार्यालय से दूसरे भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को एकीकृत करने में सक्षम बनाने वाली 'भारत-बांग्लादेश मित्रता पाइपलाइन परियोजना' (आईबीएफपीपी) पर तेज रफ्तार से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण पाइपलाइन का उद्घाटन अगले साल किया जा सकता है। 346 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर साल 2018 में दोनों देशों ने दस्तखत किए थे।
बता दें कि आईबीएफपीपी के जरिए असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) से ईंधन को पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी मार्केटिंग टर्मिनल के रास्ते से बांग्लादेश पहुंचाया जाएगा। दोनों पक्ष एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के लिए भी बातचीत कर रहे हैं।
यह भारत में सिलिगुड़ी और बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में पार्वतीपुर को जोड़ेगी। इस 130 किलोमीटर की तेल पाइपलाइन की क्षमता 10 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी। श्रृंगला ने कहा कि यह आईबीएफपीपी एक बहुत ही अनोखी और महत्वपूर्ण पाइपलाइन है जो हमें अपनी ऊर्जा जरूरतों को एकीकृत करने में सक्षम बनाएगी। श्रृंगला ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
साल 2020 में इसमें साल दर साल बढ़त 14 फीसदी थी, जो कि काफी उत्साहजनक आंकड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बांग्लादेश के निर्यात ने 10 लाख डालर का आंकड़ा पार कर लिया है और इसमें समय के साथ-साथ लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है।