बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मामला, बंगाल में दुर्गा पूजा के फर्जी वीडियो बने सिरदर्द
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मामला। पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था के लिए समस्या पैदा करने को इंटरनेट मीडिया पर दुर्गा पूजा से संबंधित बांग्लादेश के कुछ वीडियो क्लिप वायरल किए जा रहे हैं। जो बंगाल पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के बाद इस समय इंटरनेट मीडिया पर जिस तरह से फर्जी वीडियो व पोस्ट वायरल हो रहे हैं वह बंगाल पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। बांग्लादेश से सटे मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर, कूचबिहार, उत्तर व दक्षिण 24 परगना और नदिया जैसे जिलों की पुलिस को विशेष रूप सतर्कता बरतनी पड़ रही है। क्योंकि ऐसी किसी एक सूचना से कहीं यहां भी स्थिति बिगड़ न जाए, इस पर विशेष नजर रखी जा रही है। पुलिस का दावा है कि इंटरनेट मीडिया पर अफवाह या फिर फर्जी सूचनाएं व वीडियो साझा करने वालों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।
वैसे भी खुफिया विभाग की ओर से सूबे के सभी जिलों के पुलिस-प्रशासन को पहले ही सतर्क कर दिया गया है। खुफिया विभाग के अलर्ट में कहा गया है कि हिंदू मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ और आगजनी की जो घटनाओं के बाद बांग्लादेश के विभिन्न जिलों में जो हिंसक वारदातें हो रही हैं उसे लेकर यहां भी अफवाह फैलाई जा सकती है। 13 अक्टूबर से इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ के पोस्टों से भर गए हैं। इन मुद्दों को केंद्रित करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा के सीमावर्ती जिले अतिसंवेदनशील हो गए हैं और भारत के भी विभिन्न कट्टरपंथी संगठन सक्रिय हो गए हैं। इसके बाद से जिला पुलिस प्रशासन की ओर से एहतियातन कदम उठाए गए हैं। क्योंकि पुलिस को अंदेशा है कि बांग्लादेश की घटना की आड़ में शरारती तत्व कहीं यहां भी ऐसी कोई वीडियो वायरल न कर दें जिससे कानून-व्यवस्था को लेकर समस्या पैदा हो जाए।
यही वजह है कि सीमावर्ती इलाकों में इंटरनेट मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। बंगाल पुलिस की ओर जारी संदेश में कहा गया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था के लिए समस्या पैदा करने को इंटरनेट मीडिया पर दुर्गा पूजा से संबंधित बांग्लादेश के कुछ वीडियो क्लिप वायरल किए जा रहे हैं। कृपया ऐसे वीडियो फैलाने से बचें, जो कानूनी अभियोजन के लिए उत्तरदाई हों। इस पोस्ट के साथ फेक वीडियो की तस्वीर भी जारी की गई है। इसी से पता चलता है कि बंगाल पुलिस प्रशासन के लिए बांग्लादेश से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पहुंच रहे वीडियो, फोटो किस तरह से परेशानी का सबब बन गए हैं। सिर्फ पुलिस प्रशासन ही नहीं, आम लोगों को भी ऐसी किसी अफवाहों से बचना चाहिए जिससे कि सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़े। साथ ही ऐसे हमलोगों के बीच मौजूद शरारती तत्वों पर भी नजर रखने की जरूरत है।