Special Interview: अभिनेत्री से नेत्री का सफर कैसा रहा, राजनीति में क्या सोचकर आईं? जानें क्या कहती हैं सायोनी घोष
सिने जगत से राजनीति में कदम रखने वाली बांग्ला फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री सायोनी घोष बांग्ला फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाने के बाद अब राजनीति के क्षेत्र में किस्मत आजमा रही हैं। वह आसनसोल दक्षिण विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
सिने जगत से राजनीति में कदम रखने वाली बांग्ला फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री सायोनी घोष बांग्ला फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाने के बाद अब राजनीति के क्षेत्र में किस्मत आजमा रही हैं। वह आसनसोल दक्षिण विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनके सामने भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पाल व संयुक्त मोर्चा से प्रशांत घोष हैं। वह विरोधी पार्टी भाजपा पर भी लगातार हमलावर रही हैं। सायोनी घोष के समक्ष इस बार चुनौती है कि क्या वह जीत कर अपनी पार्टी को यहां से हैट्रिक दिलाएंगी। बतौर प्रत्याशी सायोनी घोष के समक्ष क्या चुनौती है, आसनसोल दक्षिण विधानसभा के चुनावी हालात पर दैनिक जागरण के संवाददाता मनोज कुमार भगत के साथ उनके साक्षात्कार के मुख्य अंश।
अभिनेत्री से नेत्री का सफर कैसा रहा, राजनीति में क्या सोचकर आईं?
-ममता दीदी के आदर्श और विकास की परिभाषा मेरे मन को छू गई और उनके द्वारा किए जा रहे कायरें से प्रेरित होकर बंगाल के विकास लिए राजनीति में प्रवेश किया। हालांकि अभिनय और राजनीति में बहुत फर्क है। यहां आप के अच्छे कायरें से ही जनता अपने दिल में जगह देती है।
विरोधी कह रहे हैं कि आप बाहरी हैं, जीत के बाद दिखाई नहीं देंगी?
-जो विरोधी बोल रहे हैं, वह कितने दिन आसनसोल की धरती पर रहते हैं, यह भी जनता जानती है। वह प्रत्याशी बनने के बाद यहां आकर इस तरह की बात कह रही हैं। जो अपने आप को भूमिपुत्री कहकर लोगों को बरगला रही हैं। वह पहले अपने पिता का नाम बोलती हैं, इसके बाद भूमिपुत्री कहती हैं। ऐसी भूमिपुत्री होने से अच्छा है कि बाहरी ही कहलाएं।
टीएमसी के ही लोग आपका क्यों विरोध कर रहे हैं?
-यह बात गलत है। हमारे साथ समस्त नेता व नेत्री मिलकर प्रचार कर रहे हैं। कहीं भी गुटबाजी नहीं है। जो गुटबाजी की बात कह रहे हैं, वह यह नहीं देख रहे हैं कि जब से प्रत्याशी की घोषणा हुई है तब से भाजपा के लोग आपस में ही सिर फुटव्वल कर रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी कह रही हैं कि दीदी के राज में महिलाएं असुरक्षित हैं
-यह बात यूपी में रहकर कहना चाहिए था। जहां महिलाओं की अस्मिता आज भी सुरक्षित नहीं है। भाजपा के विधायक इस तरह के घिनौने कृत्य में संलिप्त पाए जाते हैं। दीदी के राज में महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
चुनाव में हिंसा हो रही है, इसका आरोप टीएमसी पर लग रहा है
-हिंसा क्यों हो रही है, हर चुनाव होती है, मगर ऐसी हिंसा नहीं होती थी, इस बार बाहरी लोगों को यहां लाकर हिंसा फैलाई जा रही है। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा ही जिम्मेदार है।
आपके आपत्तिजनक पोस्ट के मामले को विरोधी काफी उछाल रहे हैं
-इससे पहले वह (भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पाल) क्या करती थीं, पहले उन्हें देखने को बोलिए, इतिहास को देखने पर बहुत कुछ सामने आ जाएगा। जनता सब जानती है, चुनाव प्रचार में जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है।
जनता आपको क्यों वोट दे?
-जनता ममता बनर्जी को देखकर वोट करेगी। 10 वषरें में ममता बनर्जी ने जो विकास कार्य किए हैं। इसलिए बेवजह बातें बोलने का कोई फायदा नहीं है। विकास एवं अच्छा कार्य ममता बनर्जी ने किया है, इसलिए वह आगे भी सत्ता में रहेंगी।