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बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास का फेसबुक पर किया ऐलान, कुछ देर बाद ही FB पोस्‍ट में किए अहम बदलाव

बंगाल की आसनसोल सीट से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने सक्रिय राजनीति से संन्‍यास लेने की घोषणा कर दी है। गौर हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार कैबिनेट में फेरबदल किया तो केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने इस्‍तीफा दिया था।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 05:18 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 09:59 PM (IST)
बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास का फेसबुक पर किया ऐलान, कुछ देर बाद ही FB पोस्‍ट में किए अहम बदलाव
बाबुल सुप्रियो ने सक्रिय राजनीति से संन्‍यास लेने की घोषणा कर दी है

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए गए बंगाल के आसनसोल से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को राजनीति से ही संन्यास लेने का एलान कर दिया।

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उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में अपने 'मन की बात साझा करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने लिखा-अलविदा! राजनीति में सिर्फ समाजसेवा के लिए आए थे। अब उन्होंने अपनी राह बदलने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में रहने की ही जरूरत नहीं है।

वे राजनीति से अलग होकर भी अपने इस उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। हालांकि उनकी तरफ से पोस्ट में पहले यह भी कहा गया कि वे हमेशा से भाजपा का हिस्सा रहे हैं और रहेंगे, किसी और राजनीतिक दल में नहीं जाएंगे। इस बात पर जोर दिया कि वे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), कांग्रेस, सीपीआइ (एम) या कोई और दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने अपने पोस्ट में बदलाव करते हुए भाजपा में बने रहने और दूसरी पार्टी में नहीं जाने की बात को हटा दिया। ऐसे में उनके टीएमसी में शामिल होने की अटकलें भी तेज हैं लेकिन फिलहाल साफ कुछ नहीं कहा जा रहा। साथ ही नए पोस्ट में यह भी लिखा कि वह सांसद पद से भी इस्तीफा दे देंगे और एक महीने के अंदर सरकारी आवास भी छोड़ देंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद से थे नाराज

पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद से ही बाबुल नाराज चल रहे थे। पूर्व पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल ने यह भी कहा कि उनके इस फैसले (पार्टी छोड़ने) का संबंध मंत्रिमंडल से हटाए जाने से है। पिछले कुछ दिनों से बाबुल की चुप्पी और भाजपा में उनकी कम होती भूमिका पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे थे। अब उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट के जरिये उन तमाम विवादों पर विराम लगा दिया है।

'पार्टी संग थे मेरे कुछ मतभेद'

बाबुल ने यह भी कहा कि पार्टी संग मेरे कुछ मतभेद थे। वह बातें बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ही सभी के सामने आ चुकी थीं।

बंगाल चुनाव में हार के बारे में लिखा कि मैैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं,लेकिन दूसरे नेता भी जिम्मेदार हैं।

पहले ही पार्टी छोड़ना चाहते थे

राजनीति में आने से पहले गायक के रूप में प्रसिद्ध बाबुल ने इस बात का भी जिक्र किया है कि वह काफी पहले ही पार्टी छोडऩा चाहते थे।लेकिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के रोकने की वजह से उन्होंने अपने उस फैसले को हर बार वापस लिया।उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा को राजनीति छोड़ने के फैसले के बारे में बता दिया था।

उन्होंने दोनों नेताओं के प्रति आभार भी जताया और कहा कि मुझे कई मायनों में उन्होंने प्रेरित किया है। मैं उनके प्यार को कभी नहीं भूलूंगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब उनके कुछ नेताओं संग मतभेद होने शुरू हो गए थे और तमाम विवाद भी जनता के सामने आ रहे थे, ऐसे में उन्होंने राजनीति छोडऩे का फैसला ले लिया।

पोस्ट के अंत में भावुक अंदाज में लिखा...

बंगाल में भाजपा की बढ़ती ताकत पर बाबुल ने कहा कि अब पार्टी के पास कई नेता मौजूद हैं। नौजवान भी हैं और दिग्गज भी साथ खड़े हैं, ऐसे में अगर कोई अब पार्टी छोड़ भी देता है तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।

बाबुल ने अपनी पोस्ट के अंत में भावुक अंदाज में कहा है कि 1992 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की नौकरी छोड़कर मुंबई भागते वक्त जो किया था, अब फिर मैंने वहीं किया है।

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फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया

इधर, बाबुल के राजनीति छोड़ने के इस कदम को तृणमूल ने भाजपा के अंदर का ड्रामा करार दिया। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ये बात किसी से नहीं छिपी है कि मंत्री पद से हटाने के बाद भाजपा ने बाबुल को भाव नहीं दिया था। वहीं बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बाबुल के इस्तीफे पर कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसे राजनीति में रहना है और किसे जाना है, ये एक निजी फैसला है।


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