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आसनसोल: देर रात निकाला गया कोयला खदान में फंसे तीनों युवकों का शव

आसनसोल कुल्टी के अकवन बागान स्थित कुंआनुमा अवैध कोयला खदान में पिछले चार दिनों से फंसे तीन युवकों का शव गुरुवार की देर रात तक निकाल लिया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 11:29 AM (IST)
आसनसोल: देर रात निकाला गया कोयला खदान में फंसे तीनों युवकों का शव
आसनसोल: देर रात निकाला गया कोयला खदान में फंसे तीनों युवकों का शव

आसनसोल, जागरण संवाददाता। कुल्टी के अकवन बागान स्थित कुंआनुमा अवैध कोयला खदान में पिछले चार दिनों से फंसे तीन युवकों का शव गुरुवार की देर रात तक निकाल लिया गया। शुक्रवार को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के पश्चात शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। मारे गये तीनों युवक की पहचान अकबन बागान मांझी पाड़ा निवासी संतोष मरांडी (23), कालीचरण किस्कू (26) और विनय मुर्मू (32) के रूप में की गई।

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पोस्टमार्टम के पश्चात संतोष का शव उसका भाई दुर्गा मरांडी, कालीचरण का शव उसका भाई देवचंद किस्कू और विनय मुर्मू का शव उसका रिश्ते का भाई अजीत मांझी अपने साथ घर लेते गए। वहीं, शव मिलने के बाद से मांझी पाड़ा में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। शाम तक तीनों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं शुक्रवार की सुबह विधायक उज्जवल चटर्जी व पार्षद नेपाल चक्रवर्ती मांझीपाड़ा पहुंचे और मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिया।

मालूम हो कि रविवार की देर शाम तीनों युवक खदान में उतरे थे। जहां अंदर ही फंसे रह गये। खदान में जहरीली गैस के रिसाव के कारण तीनों के बचने की संभावना कम थी। गुरुवार की सुबह कोलकाता से पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने जेसीबी मशीन की मदद से बचाव कार्य प्रारंभ किया था। करीब 13 घंटे बाद टीम को सुरंगनुमा खदान के अंदर पहला शव मिला। जिसके बाद एक-एक कर तीनों शव को बरामद कर लिया गया।

बताया जाता है कि टेढ़ा- मेढ़ा सुरंगनुमा खदान होने के कारण टीम के सदस्यों को शव निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। देर रात अभियान खत्म होने के बाद से एनडीआरएफ की टीम वापस लौट गई। मौके पर सुबह से ही जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी श्री सुदिन व पुलिस बल भी डटा रहा और एनडीआरएफ को सहयोग करता रहा।

आसनसोल के कुल्टी अकवन बागान स्थित अवैध कोयला खदान में फंसे 3 लोगों को निकालने के लिए गुरुवार सुबह एनडीआरएफ की टीम कोलकाता से पहुंची। 40 सदस्य टीम का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट अभय कुमार सिंह कर रहे हैं। सुबह करीब 8:30 बजे से बचाओ अभियान शुरू किया गया। सबसे पहले टीम ने दो जेसीबी मशीन लगाकर सुरंग के बगल की मिट्टी काटकर मुंह को चौड़ा करने का कार्य किया। इसके बाद एग्जॉस्ट फैन लगाकर सुरंग के अंदर से जहरीली गैस को बाहर निकालने का प्रयास किया।

टीम के कुछ सदस्य सुरंग के अंदर घुसे और उसका नक्शा समझने का प्रयास किया। जिसके बाद जेसीबी लगाकर मिट्टी हटाने का कार्य शुरू किया गया है। एनडीआरएफ की टीम के आने की खबर पर  सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पुरुषों महिला जमा हुए हैं। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट अभय कुमार सिंह ने कहा कि वह लोग अधिकांश बोरवेल का कार्य किए हैं। इस तरह का कार्य किए जाने के कारण थोड़ी परेशानी आ रही है। विशेष रूप से खदान का कोई मैप न होने के कारण परेशानी और बढ़ गई है मालूम हो कि रविवार की देर शाम से ही तीनों खदान के अंदर फंसे हुए हैं और अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है इससे पहले ईसीएल की माइंस रेस्क्यू  की टीम ने आकर बचाव अभियान चलाने का प्रयास किया था। लेकिन जहरीली गैस के कारण वह लोग अंदर नहीं घुस पाए।

ईसीएल अधिकारियों का कहना है कि कोयला खदान में जहरीली गैस फैल गई है। इसके प्रभाव में तीनों शख्स अचेत अवस्था में है। खदान के अंदर जाने का रास्ता बेहद संकरा है, जिसे बड़ा करने की कोशिश की जा रही है, जिससे उसे बचाया जा सके। 


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