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West Bengal : तथागत के पद से मुक्त होते ही अब बंगाल से कौन बनेगा राज्यपाल, तेज हो गई चर्चा

तथागत के पद से मुक्त होते ही अब बंगाल से कौन बनेगा राज्यपाल तेज हो गई चर्चा। असीम घोष पूर्व आइपीएस आरके हांडा और एस धनानिया के नाम की है चर्चा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 01:59 PM (IST)
West Bengal : तथागत के पद से मुक्त होते ही अब बंगाल से कौन बनेगा राज्यपाल, तेज हो गई चर्चा
West Bengal : तथागत के पद से मुक्त होते ही अब बंगाल से कौन बनेगा राज्यपाल, तेज हो गई चर्चा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल के रूप में तथागत रॉय का कार्यकाल 20 मई को ही समाप्त हो गया था, लेकिन कोरोना के चलते उन्हें लगभग ढाई माह तक मेघालय के राज्यपाल बने रहने को कहा गया था। परंतु, मंगलवार को तथागत रॉय को पद मुक्त हो गए। उनके स्थान पर सत्यपाल मलिक को मेघालय का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।

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यहां उल्लेखनीय है कि केंद्र में भाजपा के शासन के दौरान अन्य राज्य के राज्यपाल बनने वाले तथागत रॉय पश्चिम बंगाल के पहले बंगाली थे। केंद्र की ओर से संकेत मिले हैं कि बंगाल में भाजपा से जुड़े किसी नेता को राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। जिसमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष असीम घोष का नाम सबसे ऊपर हैं। वहीं पूर्व आइपीएस अधिकारी आरके हांडा भी राज्यपाल की दौड़ में हैं, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बैरकपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार थे और हार गए थे।

वहीं, भारत सरकार के रबर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और बंगाल भाजपा के कोषाध्यक्ष डॉक्टर एस धनानिया के नाम पर चर्चा है। इस बीच राज्य के पूर्व भाजपा अध्यक्ष तथागत रॉय ने पद से मुक्त होने के बाद ही राज्य की राजनीति में लौटने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने अपना संदेश दिल्ली तक पहुंचा दिया है। एक हफ्ते पहले तथागत रॉय ने सार्वजनिक रूप से संवैधानिक प्रमुख का पद छोड़ने के बाद सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा व्यक्त की थी। कहने की जरूरत नहीं है कि उनके इशारे ने भाजपा की राज्य की राजनीति में एक नए समीकरण की अटकलों को जन्म दे दिया है।

तथागत ने सक्रिय राजनीति में लौटने के बयान पर सुर किये नरम

राज्यपाल पद के दायित्व से मुक्त होने के बाद बंगाल की सक्रिय राजनीति में लौटने की घोषणा पर बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके श्री राॅय ने कहा कि इस संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत कर फैसला लेंगे। केंद्रीय नेतृत्व के सुझाव के अनुसार ही कदम उठायेंगे। श्री रॉय शिलांग से फिलहाल वह कोलकाता जायेंगे, क्योंकि कोलकाता में ही उनका घर है। वह अपने घर में ही रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले श्री राॅय ने बंगाल की सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा जतायी थी। दूसरी ओर, श्री राॅय ने शांति निकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ की घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि वामपंथियों ने बंगाल में तोड़फोड़ की राजनीति शुरू की थी और अब यह पश्चिम बंगाल का राजनीतिक मुहावरा बन गया है। 


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