गंगासागर मेले में 20 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान, 9 से 17 तक चलेगा मेला
आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के उपलक्ष में आयोजित होने वाले सागर मेले में इस साल 20 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने का अनुमान है।
कोलकाता, [जागरण संवाददाता] आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के उपलक्ष में आयोजित होने वाले सागर मेले में इस साल 20 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने का अनुमान है। दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी वाइ रत्नाकर राव ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभी से ही जिस तरह से श्रद्धालुओं का गंगासागर पहुंचना शुरू हो गया है, उसे देखते हुए इस बार 20 लाख श्रद्धालुओं के उमड़ने की उम्मीद की जा रही है। इस साल कुंभ मेला समेत कोई बड़ा धार्मिक मेला भी नहीं है। पिछले साल सागर मेले में 15 लाख लोग उमड़े थे। इस साल सागर मेला 9 जनवरी से शुरू होकर 17 जनवरी तक चलेगा। इस बाबत तीर्थयात्रियों की सुविधा के साथ-साथ सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए हैं।
इस साल का बजट 70 करोड़
जिलाधिकारी ने बताया कि सागर मेले के आयोजन का इस साल का बजट विभिन्न विभागों के खर्च को मिलाकर लगभग 70 करोड़ रुपये होगा। उन्होंने कहा कि फंड को लेकर कोई समस्या नहीं है। पिछले साल का बजट 61 करोड़ रुपये बताया गया है।
तीर्थयात्रियों की सुविधा को लगेंगे 40 विशाल स्क्रीन
तीर्थयात्री की सुविधा के लिए 'सागर संजोग' प्रणाली के तहत सागर स्वीप में विभिन्न जगहों पर 40 विशाल स्क्रीन लगाए जाएंगे, जिससे ¨हदी, अंग्रेजी और बांग्ला में ज्वार-भाटा, लांच के आवागमन के समय, तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं इत्यादि की जानकारी प्रदर्शित होगी।
शौचालयों की संख्या बढ़ाकर 10,000
सागर मेले के लिए इस साल शौचालयों की संख्या बढ़ाकर 10,000 की गई है। इसके अलावा 12 मोबाइल शौचालय भी होंगे। पिछले साल 7,000 शौचालयों का निर्माण किया गया था।
सफाई पर खास ध्यान
सागर तट की सफाई पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसमें 500 लोगों को लगाया जाएगा। जगह-जगह कूड़ेदान की भी व्यवस्था होगी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर भी जोर
स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। रूद्रनगर स्थित अस्पताल के अलावा गंगासागर अस्पताल को भी उन्नत किया गया है। सागर मेले में 50 एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दो एयर एबुंलेंस और वाटर एंबुलेंस भी होंगे।
पहली बार बिछाया गया है स्थायी ऑप्टिकल केबल फाइबर
गंगासागर में पहली बार स्थायी तौर पर ऑप्टिकल केबल फाइबर बिछाया गया है, जिससे इस साल संचार व्यवस्था पहले से काफी बेहतर होगी। प्रशासनिक अधिकारी पहली बार सैटेलाइट फोन का भी इस्तेमाल करेंगे।
5 लाख रुपये का बीमा कवरेज
पिछले साल की तरह इस साल भी तीर्थ यात्रियों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज दिया जाएगा। बीमा कवरेज कोलकाता से गंगासागर तक के लिए होगा। इस दौरान दुर्घटना होने पर बीमा राशि के लिए क्लेम किया जा सकेगा।
पूर्ववत रहेगा बस व लांच का किराया
जिलाधिकारी ने बताया कि बस व लांच का किराया पूर्ववत रहेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े लांच की संख्या पिछले दो बार के दो की जगह बढ़ाकर चार की गई है। गंगासागर में पहली बार चार लेन वाली सड़क का भी निर्माण किया जा रहा है।
गंगासागर में पुण्य डुबकी लगाएंगे 200 साधु
ऊपर खुला आसमान, नीचे ठंडी जमीन। इनके बीच सर्द हवाओं में शरीर पर मात्र लंगोटी लपेटे साधुओं की एक टोली। गंगासागर से चलकर आ रही ठंडी हवाओं से बेफिक्र ये साधु वहीं जाने को उत्सुक है। मन में भगवान श्रीराम की मूरत बसाए वे कोलकाता के आउट्राम घाट पहुंचे हैं। यहां कुछ दिन ठहरने के बाद वे गंगासागर रवाना हो जाएंगे। ये है अयोध्या से पहुंची 150-200 साधुओं की टोली। यूं तो हर साल ही मकर संक्रांति के पावन अवसर पर वे यहां पहुंचते हैं लेकिन इस बार उनके यहां आने का विशेष उद्देश्य है।
अबकी बार वे अयोध्या में राममंदिर के निर्माण की मनोकामना लेकर मकर मंक्रांति पर पुण्य डुबकी लगाएंगे। अयोध्या के नयाघाट के रामकथा पार्क स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर के महंत जलेश्वर गिरि नागा बाबा ने बताया-'अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का समय निकट आ गया है। इस बार हम इसी मनोकामना की पूर्ति के लिए गंगासागर में पुण्य डुबकी लगाएंगे। अयोध्या में हर कीमत पर राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा। ये हमारी आस्था से जुड़ा मामला है।' साधुओं की टोली गत 2 जनवरी को यहां पहुंची हैं। अभी तक आउट्राम घाट में सेवा संस्थानों के शिविर नहीं लगे हैं लेकिन उन्हें इससे कोई सरोकार भी नहीं है। वे शरीर पर भभूत लगाकर दिन-रात साधना में लीन रहते हैं। पुण्य डुबकी लगाने के बाद ये टोली वापस अयोध्या रवाना हो जाएगी।
पहली बार होगा सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल
सागर मेले के दौरान किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होने पर दूरसंचार संपर्क बनाए रखने के लिए पहली बार सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया जाएगा। दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी वाइ रत्नाकर राव ने इसकी जानकारी दी। देश में पहली बार किसी धार्मिक मेले में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए भारत संचार निगम लिमिटेड, कोलकाता के महाप्रबंधक एसके देव ने बताया कि इस सैटेलाइट फोन का नाम 'आइसेट' है। ये सिम आधारित मोबाइल फोन जैसा ही है लेकिन सैटेलाइट फोन की तरह काम करेगा। किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होने अथवा सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा आने पर जहां तमाम मोबाइल नेटवर्क फेल हो जाएंगे, वहां ये सैटेलाइट फोन काम करेगा। इससे दूसरे फोन की तरह इनकमिंग व आउटगोइंग कॉल भी किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सागर मेले के आयोजन एवं सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों को कुल 16 सैटेलाइट फोन दिए जाएंगे। कपिल मुनि मंदिर व सागर मेला परिसर, लॉट नंबर आठ और कचूबेरिया में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को 4-4 एवं नामखाना व चेमागुड़ी में तैनात अधिकारियों को 2-2 सैटेलाइट फोन दिए जाएंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि सागर मेले के दौरान सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं। 'तीर्थ साथी' नामक निगरानी प्रणाली के तहत कोलकाता से लेकर गंगासागर तक के रास्ते में 500 क्लोज सर्किट टीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनका सागर मेला परिसर में एक्सक्लूसिव कंट्रोल रूम होगा। वहां लगे 46 एलइडी टीवी से पल-पल पर कड़ी नजरदारी रखी जाएगी। ये कंट्रोल रूम राज्य सचिवालय नवान्न के कंट्रोल रूम से भी जुड़ा होगा। तटीय इलाकों पर कड़ी निगाह रखेगी। वहां तटीय सुरक्षा बल के जवान मुस्तैद रहेंगे। दो होवरक्राफ्ट्स से भी नजर रखी जाएगी। पुलिस के अलावा 800 सिविल डिफेंस वोलेंटियर और एनडीआरएफ के 1400 कर्मी भी रहेंगे।