बंगाल में पनप रहा एक और घोटाला, भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत : राज्यपाल
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भ्रष्टाचार को लेकर गुरुवार को एक बार फिर ममता सरकार पर ट्विटर के जरिए निशाना साधा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भ्रष्टाचार को लेकर गुरुवार को एक बार फिर ममता सरकार पर ट्विटर के जरिए निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सतर्क करते हुए दावा किया कि राज्य में एक और घोटाला आकार ले रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित में भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने की जरूरत है। दरअसल, राज्यपाल का इशारा राज्य सरकार की ओर से जारी होने वाले टेंडरों को हर बार पसंदीदा ठेकेदारों को देने को लेकर है।
राज्यपाल ने ट्वीट किया, 'उनके पास कई ऐसे महत्वपूर्ण साक्ष्य आए हैं जिसमें इस बात का खुलासा हो रहा है कि लगातार पसंदीदा ठेकेदारों को ही सरकारी ठेके दिए जा रहे हैं, जो एक और घोटाले का प्रारूप है। जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को को इससे सतर्क रहना होगा ताकि ऐसे भयावह तंत्र का वे शिकार ना हो जाएं। अगर ऐसा कोई भी घोटाला होता है तो यह कानून की नजर से बच नहीं सकेगा और निश्चित तौर पर इसे पकड़ लिया जाएगा।'
राज्यपाल ने दूसरे ट्वीट में यह भी कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को इस बारे में पहले भी सूचित किया है। जनहित में पारदर्शिता और साफ-सुथरी सरकारी गतिविधियां जरूरी है। सरकार का मूल लक्ष्य जनहित ही होना चाहिए एवं गैर जिम्मेदार तत्वों को संरक्षण देना बंद करना होगा। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल धनखड़ लगातार अलग-अलग मुद्दों पर ममता सरकार पर हमलावर रहते हैं।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना के बीच बच्चों को तस्करी से बचाने का दिया निर्देश
राज्य ब्यूरो,कोलकाताः कोरोना महामारी और एम्फन चक्रवात से आई मुसीबतों के बीच बाल तस्करी और शोषण की आशंका प्रकट करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बच्चों को बचाने के लिए सभी कदम उठाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति हरीश टंडन की पीठ ने कहा कि बाल विवाह और तस्करी के मामलों पर आठ जून को बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट ‘चौंकाने वाली’ है।
पीठ ने बुधवार को कहा कि इस रिपोर्ट में बाल विवाह, यौन उत्पीड़न, बाल तस्करी एवं बाल अधिकारों के उल्लंघन की अन्य घटनाओं के आंकड़े दिए गए हैं। अदालत ने कहा कि बाल विवाह की आड़ में तस्करी और बाल श्रम बच्चे के परिवार के सदस्यों की संलिप्तता की वजह से और विचलित करने वाली बात है। बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग और बचपन बचाओ आंदोलन नामक एनजीओ की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पीठ ने प्रधान सचिव (गृह विभाग) को दर्ज किए गए मामलों, बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया।