अनिक का सुजन-सलीम पर तंज, छात्रों को नई पार्टी बनाने का संदेश
- आंदोलन से दूरी बनाने की बजाय नई पार्टी बना मैदान में मुकाबले को उतरें - व्यावहारिक रूप से
- 'आंदोलन से दूरी बनाने की बजाय नई पार्टी बना मैदान में मुकाबले को उतरें'
- व्यावहारिक रूप से मैदान में नहीं हैं सर्वहारा वर्ग के प्रवक्ता वामपंथी नेता
जागरण संवाददाता, कोलकाता : सर्वहारा प्रवक्ता बनने की बजाय निज स्वार्थ को आंदोलन करे आज की पीढ़ी। उक्त बातें जाने माने सिनेमेटोग्राफर व वामपंथी विचारक अनिक दत्ता ने कहीं। बिना नाम लिए राज्य के वाम नेतृत्व पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि इस राज्य में माकपा धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। 34 सालों तक सत्ता में रहने वाली पार्टी के नेता खामोश हो चले हैं। सुजन चक्रवर्ती और मो. सलीम को छोड़ किसी अन्य नेता की सक्रियता देखने को नहीं मिल रही है। लेकिन एक समय था जब वामपंथी नेता खुद को सर्वहारा वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में पेश करते थे। आज वे व्यावहारिक रूप से मैदान में नहीं हैं। जेएनयू वाकया पर राज्य से मो. सलीम को छोड़ अन्य किसी भी नेता ने कोई बयान तक नहीं दिया। खैर मौजूदा समय में फासीवादी डरे हुए हैं, लेकिन मैं यह कभी नहीं कहूंगा कि अगर वे डंडे ले हमले को आते हैं तो आप भी उसी अंदाज में जवाब को तैयार रहे। ऐसा न कर अगर व्यवस्थित तरीके से विरोध को आंदोलन किया जाए तो हम अधिक सफल होंगे। वामो समर्थित छात्र संगठन एसएफआइ पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी बेकार है। कोई नौकरी पर चला जाता है तो कोई निज स्वार्थ को दूरी बनाना ही उचित समझ रहा है। ऐसे में सर्वहारा वर्ग के प्रवक्ता बनने की बजाय स्वतंत्र रूप से निजी स्वार्थ के लिए जीना ही कही अधिक उचित है। उन्होंने कहा कि आंदोलन से दूरी बनाने की बजाय अगर आवश्यकता पड़े तो नई पार्टी बना मैदान में मुकाबले को उतरें।