बंगाल विधानसभा चुनाव: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच चुनाव आयोग ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, निकला कुछ भी नहीं
चुनाव आयोग की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कुछ भी ठोस निकलकर सामने नहीं आया। कोलकाता सर्किट हाउस में हुई इस बैठक के दौरान ज्यादातर समय राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब और विभिन्न सियासी दलों के प्रतिनिधि एक-दूसरे के पाले में गेंद डालते नजर आए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : चुनाव आयोग की तरफ से शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कुछ भी ठोस निकलकर सामने नहीं आया। कोलकाता सर्किट हाउस में हुई इस बैठक के दौरान ज्यादातर समय राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब और विभिन्न सियासी दलों के प्रतिनिधि एक-दूसरे के पाले में गेंद डालते नजर आए। आरिज आफताब ने खुद से कोई निर्देश जारी करने के बदले राजनीतिक दलों से सुझाव मांगा और जब तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पार्थ चटर्जी व सुब्रत बक्सी ने शनिवार को पांचवें चरण का मतदान संपन्न होने के बाद शेष तीन चरणों को एक बार में कराने को कहा तो इसे तवज्जो नहीं दिया गया।
वहीं भाजपा की तरफ से गेंद आयोग के पाले में डालते हुए कहा गया कि आयोग ही कोरोना के हालात के मुताबिक आगे फैसला करे। भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता ने कहा-'हमने चुनाव आयोग से कहा है कि मजबूत लोकतांत्रिक संस्कृति के साथ सुरक्षा मानदंडों को संतुलित करने की जरुरत है। यह चुनाव आयोग पर निर्भर करता है कि वह हमें बताए कि वास्तव में राजनीतक दलों को क्या करना चाहिए। हमने आश्वस्त किया है कि हम प्रोटोकॉल्स का पालन करेंगे। तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा-'हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। पार्टी बाकी बचे चुनावों को एक चरण में चाहती है।
मैं भाजपा से अनुरोध करता हूं कि वह अपना रूख साफ करे। पहली प्राथमकता कोरोना महामारी का सामना करना है और उसके बाद राजनीति होनी चाहिए।' सूत्रों की मानें तो भाजपा शेष तीन चरणों का मतदान एक बार में कराने के पक्ष में नहीं है। उसे इसमें अपना नुकसान दिख रहा है। वहीं वाममोर्चा-कांग्रेस-इंडियन सेक्युलर फ्रंट गठबंधन (संयुक्त मोर्चा) की तरफ से बैठक में उपस्थित हुए वामो नेता रॉबिन देव व विकास रंजन भट्टाचार्य ने अपना ही राग अलापते हुए कहा-'कोरोना महामारी से संबंधित स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा। हमने चुनाव प्रचार में इसका पूरा ध्यान रखा है। हमारे खिलाफ इसे लेकर कोई शिकायत भी नहीं है।'