जीएसटी की कुछ प्रक्रिया वैट से भी जटिल : अमित
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने शुक्रवार को कहा कि बिना उचित बु
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने शुक्रवार को कहा कि बिना उचित बुनियादी ढांचे के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने से यह व्यवस्था कई मामलों में मूल्य वर्धित कर (वैट) व्यवस्था से भी ज्यादा जटिल लग रही है।
मित्रा ने कहा कि सरकार रिफंड के लिये हस्तचालित रिकॉर्ड और प्रक्रिया को इस्तेमाल में ला रही है। इस रिकार्ड का जीएसटी के साथ जुड़ाव नहीं किया गया है। सीमा शुल्क इलेक्ट्रानिक डेटा इंटरचेंज (ईडीआइ) के साथ भी इसका सीधा संपर्क नहीं है। यही एक कारण था कि जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से जीएसटी लागू करने की तिथि को आगे बढ़ाने को कहा था। मित्रा ने हालांकि उम्मीद जताई कि यह समस्या अस्थाई होगी और जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गानाइजेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों की वैट व्यवस्था में भी रिटर्न दाखिल करने की पूरी प्रक्रिया में हाथ से कोई काम नहीं किया जाता है। नई कर व्यवस्था के कारण निर्यातक रिफंड प्राप्त करने में असमर्थ है और उनकी 10 से 15 फीसद कार्यशील पूंजी अभी भी फंसी है।
मित्रा ने एक संसदीय समिति की निर्यात पर जीएसटी का प्रभाव संबंधी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि निर्यातकों को रिफंड प्राप्त नहीं होने से उनके समक्ष कार्यशील पूंजी की तंगी खड़ी हो गई है। रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में कारोबार कम हुआ है। इससे रोजगार का नुकसान हुआ है। मैं लघु व मध्यम उद्यमों को लेकर काफी चिंतित हूं। असंगठित क्षेत्र को लेकर भी मेरी चिंता है क्योंकि ये उद्योग नकदी में ही काम करते हैं।
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बंगाल का निर्यात कारोबार 80 हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमान
मित्रा ने कहा कि बंगाल से 2016-17 में निर्यात कारोबार 53,649 करोड़ रुपये तक का था, जिसके 2019-20 में 75,000 से 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी संबंधी दिक्कतों के बावजूद बंगाल से निर्यात में बढ़ोतरी होगी।