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चुनाव तारीख पर आम सहमति बनाने को आयोग दफ्तर में हुई राजनीतिक दलों की बैठक

-आयोग दफ्तर में पहुंचे 10 विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि -सभी दलों के लिए दो प्रतिनिधियो

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 06:00 AM (IST)
चुनाव तारीख पर आम सहमति बनाने को आयोग दफ्तर में हुई राजनीतिक दलों की बैठक
चुनाव तारीख पर आम सहमति बनाने को आयोग दफ्तर में हुई राजनीतिक दलों की बैठक

-आयोग दफ्तर में पहुंचे 10 विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि

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-सभी दलों के लिए दो प्रतिनिधियों के साथ 10 मिनट का समय था निर्धारित

जागरण संवाददाता, कोलकाता : हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव की तिथि निर्धारित करने व आम सहमति बनाने के लिए शनिवार दोपहर राज्य चुनाव आयोग दफ्तर में आयुक्त ने 10 विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ अलग-अलग बैठक की। प्रत्येक राजनीतिक दल के दो प्रतिनिधियों को आयोग दफ्तर में जाने की इजाजत थी और बैठक के लिए सभी को 10 मिनट का समय निर्धारित था। इस बैठक में विपक्षी माकपा, कांग्रेस, पीडीएस व अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि पहुंचे। बैठक में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधि भी शामिल हुआ। अधिकांश राजनीतिक दलों की ओर से आगे पंचायत चुनाव के दिन को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई गई।

हालांकि बैठक के शुरुआत में ही भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ विवाद हुआ। मुकुल राय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आयोग दफ्तर में दाखिल होना चाहता था जिसे पुलिस ने रोक दिया। दरअसल इस दिन बैठक में आयोग की ओर से प्रत्येक राजनीतिक दलों के दो प्रतिनिधि को ही शामिल रहने को कहा गया था। इसके बाद मुकुल राय के नेतृत्व में बैठक का बहिष्कार करते हुए भाजपा प्रतिनिधिमंडल वापस लौट गया। भाजपा की ओर से हाई कोर्ट के रजिस्टार के समक्ष शिकायत की गई है।

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बैठक का बहिष्कार कर अदालत पहुंची भाजपा

चुनाव आयोग दफ्तर में दो लोगों से अधिक के प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद मुकुल राय के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने बैठक का बहिष्कार किया और भाजपा आयोग की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुई। इस मामले को लेकर मुकुल राय ने हाईकोर्ट के रजिस्टार के समक्ष शिकायत दर्ज कराया है। मुकुल ने कहा कि पंचायत चुनाव मामले में भाजपा अदालत में मुख्य याचिकाकर्ता पार्टी है ऐसे में हमारे साथ बैठक किए बगैर चुनाव आयोग आगे की निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर कोई घोषणा नहीं कर सकता, आयोग यदि ऐसा करता है तो यह अदालत के आदेशों की अनदेखी होगी। इससे पहले आयोग दफ्तर से बैठक का बहिष्कार करते हुए बाहर निकलने के क्रम में मुकुल ने कहा कि हमारे दल की ओर से पांच लोग बैठक में शामिल होने आए थे लेकिन लगता है कि चुनाव आयोग में कोई लोग ही नहीं है। जिस तरह पुलिस के द्वारा हमें रोका गया यह लोकतंत्र के लिए कलंकित करने वाला है। हम वापस जा रहे हैं और अदालत का रूख करेंगे।

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गर्मी, बारिश और रमजान में न हो चुनाव : तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस दिन आयोग दफ्तर में सुब्रत बख्शी और पार्थ चटर्जी पहुंचे। बाहर निकलने के क्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पार्थ ने कहा कि हम नहीं चाहते कि चुनाव गर्मी, बारिश और रमजान के दौरान हो इसलिए हमने आयोग से पहले चुनाव कराने की मांग की है। पार्थ ने कहा कि हम चुनाव आयोग के साथ हैं आयोग जो दिन निर्धारित करेगा उस पर हमारी रजामंदी होगी। तृणमूल महासचिव ने इस दिन भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि जो लोग बेवजह चुनाव टालना चाहते हैं उनकी शिकायत चुनाव आयोग से की है। असल में राज्य की जनता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके विकास कार्यो के साथ है। चुनाव में यही हमारा मुख्य विषय है लेकिन जो लोग कोर्ट में जाकर चुनाव को विलंबित कर रहे हैं उन्हें जनता देख रही है।

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माकपा ने आयोग के समक्ष रखा पांच सूत्री मांग

राज्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक में वाममोर्चा ने आयोग के समक्ष पांच सूत्री डिमांड रखा है। माकपा के वरिष्ठ नेता राबीन देव ने बताया कि हमने आयोग के समक्ष मूल रूप से पांच मांगे रखी है। राबीन देव ने कहा कि 12 अप्रैल तक अदालत के स्थगनादेश लागू किए जाने के बाद से हमारे जितने उम्मीदवारों के नामांकन जबरन वापस कराए गए हैं उन सभी को बहाल रखने की मांग की है। इसके अलावा हमने आयोग के समक्ष डीएम, बीडीओ आफिस में बाहरी लोग प्रवेश न करे इसे लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नामांकन दाखिल करने के दौरान तृणमूल आश्रित बदमाशों ने हिंसा की है उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग हमने आयोग के समक्ष रखी है। जिन जगहों पर पुलिस महज मूक दर्शक बनी रही वैसे पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। देव ने कहा कि मतदान को लेकर सुरक्षा अहम चुनौती है इसे लेकर हमने नामांकन जमा करने के दिन से ही अ‌र्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की मांग की है। राबीन ने कहा कि पंचायत चुनाव रमजान में न हो यह आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम फिर से अदालत का रूख करेंगे।

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रमजान के दौरान न हो चुनाव : कांग्रेस

चुनाव आयोग की ओर से बुलाए गए बैठक में कांग्रेस की ओर से अकरु जमा और प्रतीप चटर्जी शामिल हुए। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि हम चाहते हैं कि चुनाव रमजान के दौरान न हो। जमा ने कहा कि चुनाव के दौरान हमने अ‌र्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की मांग की है। उन्होंने कहा कि नामांकन दाखिल करने का सभी को मौका मिले इसे लेकर आयोग को उचित कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि चुनाव के लिए आगे की तारीख उक्त सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर आयोग को तय करना चाहिए।


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