नदी कटाव मुद्दे पर पीएम से मिलेगा बंगाल का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, सरकार के प्रस्ताव का भाजपा ने किया समर्थन
12 सदस्यीय प्रतिनिधिदल जाएगा। इसमें सत्तापक्ष से सात और विपक्ष से पांच सदस्य शामिल होंगे। सत्ता पक्ष से कौन-कौन विधायक प्रतिनिधि के रूप में प्रधानमंत्री से मिलने जाएंगे यह तय करने की जिम्मेदारी स्पीकर को दी गई है। मनोज विपक्षी दल के प्रतिनिधियों का नाम देंगे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा में मंगलवार को पहली बार ऐसा हुआ कि ममता सरकार की ओर से लाए गए प्रस्ताव का विपक्षी दल भाजपा ने भी खुश-खुशी समर्थन कर दिया। दरअसल, पिछले शुक्रवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पीकर बिमान बनर्जी से अनुरोध किया था कि राज्य में नदी कटाव की समस्या को लेकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजा जाए जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर उसकी स्थाई समाधान के लिए बात करेंगे।
सत्तापक्ष से सात और विपक्ष से पांच सदस्य शामिल
मंगलवार को संसदीय कार्यमंत्री शोभन देव चटर्जी ने विधानसभा में नदी कटाव पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजे जाने को लेकर एक प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा है। जिस पर चर्चा के बाद भाजपा विधायक दल के विधानसभा में चीफ व्हिप मनोज तिग्गा ने भी समर्थन कर दिया। इस प्रस्ताव में राज्य से 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाएगा, जिसमें सत्तापक्ष से सात और विपक्ष से पांच सदस्य शामिल होंगे।
विधायक प्रतिनिधि तय करने की जिम्मेदारी स्पीकर को
विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि नदी से हो रहे कटाव को रोकने के उपायों की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल एक साथ प्रधानमंत्री मिलेंगे। मनोज तिग्गा ने कहा कि सदन के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी से बात कर सत्ता पक्ष को इसकी जानकारी देंगे। सत्ता पक्ष से कौन-कौन विधायक प्रतिनिधि के रूप में प्रधानमंत्री से मिलने जाएंगे, यह तय करने की जिम्मेदारी स्पीकर को दी गई है। मनोज विपक्षी दल के प्रतिनिधियों का नाम देंगे।
लिखित प्रस्ताव मिलने पर देंगे जवाबः नेता प्रतिपक्ष
बाद में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि लिखित प्रस्ताव मिलने के बाद वे लोग लिखित रूप में जानकारी देंगे। इस बीच, कोलकाता के मेयर और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने प्रस्ताव दिया है कि जब सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री के पास नदी कटाव पर अपनी मांगों को प्रस्तुत करने जाएगा, तो पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का मुद्दा भी उठाया जाना चाहिए। उनके अनुरोध पर, प्रतिनिधिमंडल को नाम परिवर्तन के लिए केंद्र की स्वीकृति का अनुरोध करना चाहिए।
आमता में 14.76 करोड़ से तटबंध की मरम्मत हो रही
हालांकि, इस पर स्पीकर ने कहा कि यह विषय नदी कटाव का है अन्य मुद्दे इस में शामिल नहीं हो सकता। इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक ने कहा कि मुर्शिदाबाद, मालदा, नदिया में गंगा कटाव की समस्या तो चरम पर है। इसके अलावे तटबंधों की मरम्मत भी बड़ी समस्या है जिसके चलते हावड़ा, हुगली जिले प्रभावित होते हैं। इन दोनों जिलों में 11पैकेजों दिए गए हैं जिसमें आमता में 14.76 करोड़ रुपये से तटबंध की मरम्मत हो रही है।
तीस नवंबर 2025 तक इन 11 पैकेजों पर काम होगा
अब तक चालीस प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। तीस नवंबर 2025 तक इन 11 पैकेजों पर काम हो जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि घटाल का मास्टर प्लान काफी पहले दिया जा चुका है लेकिन उस पर भी काम नहीं हुआ है। इसके साथ उत्तर बंगाल में खासकर भूटान की नदियों से जो पानी आता है वह समस्या है। इसके लिए केंद्र को भूटान सरकार से बात करनी चाहिए?