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दुर्गापूजा के बाद अब गंगासागर मेले को मिली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता, रेडियो सोसाइटी आफ ग्रेट ब्रिटेन ने नवाजा

Ganga sagar Mela 2022 गंगासागर मेले को रेडियो सोसाइटी आफ ग्रेट ब्रिटेन ने सागर द्वीप को विशेष पहचान कोड एएस 153 से नवाजा है। सागर द्वीप को कुंभ के बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े धार्मिक मेले के आयोजन के लिए यह तमगा मिला है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 10:29 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 10:29 AM (IST)
दुर्गापूजा के बाद अब गंगासागर मेले को मिली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता, रेडियो सोसाइटी आफ ग्रेट ब्रिटेन ने नवाजा
रेडियो सोसाइटी आफ ग्रेट ब्रिटेन ने सागर द्वीप को विशेष पहचान कोड से नवाजा

गंगासागर, विशाल श्रेष्ठ। बंगाल की दुर्गापूजा के बाद अब गंगासागर मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। रेडियो सोसाइटी आफ ग्रेट ब्रिटेन ने सागर द्वीप को विशेष पहचान कोड 'एएस 153' से नवाजा है। सागर द्वीप को कुंभ के बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े धार्मिक मेले के आयोजन के लिए यह तमगा मिला है। वह दुनिया के उन 250 विशेष द्वीपों में शामिल हो गया है, जिसे यह कोड प्राप्त है। हैम रेडियो वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब की ओर से इस कोड के लिए आवेदन किया गया था। इसके सचिव अंबरीश नाग बिश्वास ने कहा-' गंगासागर मेले को भले अब तक राष्ट्रीय मेले का दर्जा नहीं मिल पाया हो लेकिन इसे सीधे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हो गई है।

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गंगासागर मेले से अब तक पूरे देश के लोग ही अवगत नहीं हैं लेकिन इस विशेष कोड की बदौलत पूरी दुनिया के लोग इसके बारे में जान पाएंगे और भविष्य में यहां आएंगे भी।' बिश्वास ने आगे कहा- 'यह कोड आइलैंड्स आन द एयर' को ही दिया जाता है, अर्थात उन द्वीपों को मिलता है, जहां रेडियो ट्रांसमिशन हो सकता है। ऐसे तो देश-दुनिया में ऐसे हजारों द्वीप हैं, जहां रेडियो ट्रांसमिशन हो सकता है, लेकिन सागर द्वीप में लगने वाले गंगासागर मेले के महत्व को समझते हुए इसे यह कोड प्रदान किया गया है। अब रेडियो सोसाइटी आफ ग्रेट ब्रिटेन की ओर से पूरी दुनिया में गंगासागर को लेकर रेडियो ट्रांसमिशन किया जाएगा, जिससे पूरी दुनिया के लोग इसके बारे में जान पाएंगे। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में कोरोना का प्रकोप कम या खत्म होने पर सागर द्वीप व मकर संक्रांति के समय यहां लगने वाले गंगासागर मेले में विदेशी सैलानियों की भीड़ बढ़ेगी।'

बिश्वास ने बताया- 'हैम रेडियो कोई आम रेडियो नहीं बल्कि विशेष तरह का रेडियो है, जो कम्युनिकेशन को ट्रांसमिट व रिसीव करता है। प्राकृतिक आपदाओं के समय जब कम्युनिकेशन के सारे आम माध्यम ठप हो जाते हैं, तब हैम रेडियो अपने विशेष सैटेलाइट माध्यम से संपर्क स्थापित करने में मदद करता है। द्वीपों पर होने वाले बड़े आयोजनों के समय प्रशासन को हैम रेडियो की विशेष तौर पर जरूरत पड़ती है क्योंकि वहां कम्युनिकेशन की बेहद समस्या होती है। सागर द्वीप में इस साल हैम रेडियो वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब की पांच टीमें मुस्तैद हैं, जो अपने संचार माध्यम से प्रशासन को सूचनाएं प्रदान कर रही हैं। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही यूनेस्को की तरफ से बंगाल की दुर्गापूजा को सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा प्रदान किया गया है।


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