West Bengal: अधीर रंजन चौधरी का पीएम मोदी को पत्र, लॉकडाउन वाले राज्यों में गरीबों को हर माह छह हजार रुपये देने की अपील
West Bengal पीएम मोदी चिट्ठी में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद राज्यों की स्थिति खराब हो चुकी है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र है, जिसमें उन्होंने लॉकडाउन के दौरान गरीबों को आर्थिक मदद मुहैया करने की मांग रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी से लॉकडाउन के तहत राज्यों के गरीबों को 6000 रुपये प्रति माह देने का आग्रह किया है। अपनी चिट्ठी में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद राज्यों की स्थिति खराब हो चुकी है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। ऐसे में कई राज्यों में रोजाना मजदूरी करने वाले श्रमिक और गरीब लोगों को खाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वो बेरोजगार हो चुके हैं, जिसके कारण परिवार पालना मुश्किल हो गया है।
ऐसे लोगों को मुफ्त राशन के बाद केंद्र सरकार को हर महीने छह हजार रुपए की आर्थिक मदद करनी चाहिए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसे लोगों के खाते में सीधे पैसे स्थानांतरण करने चाहिए, जिससे इस कोरोना महामारी के दौरान वो अपने परिवार का ध्यान रख सकें। बंगाल सहित जिन राज्यों में लॉकडाउन है, केंद्र सरकार को वहां के जरूरतमंद लोगों पर ध्यान देना होगा। बता दें, पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इसी तरह की मांग सरकार से कर चुकी हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर कोरोना संकट पर संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र इसलिए बुलाया जाना चाहिए ताकि देशभर के सांसद अपने क्षेत्र और राज्य की स्थिति के बारे में बता सकें, जिससे लोगों की परेशानी कम करने के लिए रास्ता निकाला जा सके। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में चौधरी ने कहा कि 'कोरोना संकट' पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाना चाहिए ताकि सांसद उन निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में चर्चा कर सकें जो वे प्रतिनिधित्व करते हैं। पत्र में उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी गंभीर स्थिति में है। इस गंभीर स्थिति में मैं संसद के विशेष सत्र को बुलाने के लिए आग्रह करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सत्र की आवश्यकता है क्योंकि भारत में कई निर्वाचन क्षेत्र हैं और संसद का प्रत्येक सदस्य संबंधित राज्य से अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।