फर्जीवाड़ा रोकने को बैंक उठाएगा कारगर कदम
आरबीआइ की ओर से एटीएम फ्रॉड रोकने के लिए 2020 तक नई तकनीक इजाद कर ली जाएगी। साथ ही हाल में फ्रॉड के चलते पैसा गंवाने वाले उपभोक्ताओं को भी पैसा वापस मिल जाएगा।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। हालिया दिनों में महानगर में बैंक एटीएम फ्रॉड को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। इसे लेकर सोमवार को राज्य के उपभोक्ता सुरक्षा मामलों के मंत्री साधन पांडेय ने एक उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में कई अहम मुद्दे पर चर्चा हुई।
बैठक के बाद साधन पांडेय ने बताया कि बैंकों द्वारा केवल आउटसोर्सिग पर जोर देना नहीं चलेगा बल्कि इसके लिए बैंकों को और कारगर कदम उठाने होंगे। एसबीआइ की ओर से कहा गया है कि उसके सभी एटीएम केंद्र में गार्ड तैनात हैं इसी तरह सभी बैंकों को एटीएम में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि बैंक मैनेजर की जिम्मेवारी बड़ी होती है ऐसे में सभी बैंकों के मैनेजर को चाहिए कि वे हर रोज एटीएम केंद्र पर रात में हुई गतिविधियों की सीसीटीवी में कैद तस्वीरों पर नजर रखे, बजाय इसके कि इसे महीने, दो महीने में देखा जाय।
उन्होंने कहा कि आरबीआइ की ओर से एटीएम फ्रॉड रोकने के लिए 2020 तक नई तकनीक इजाद कर ली जाएगी। साथ ही हाल में फ्रॉड के चलते पैसा गंवाने वाले उपभोक्ताओं को भी पैसा वापस मिल जाएगा। पांडेय ने कहा कि यह सुझाव दिया गया है कि एटीएम को पुलिस थाने के साथ कनेक्ट किया जाय। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के पुलिस थाने के एक पुलिस अधिकारी का नंबर एटीएम के साथ जोड़ा जाएगा ताकि एटीएम में किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की खबर थाने तक समय रहते पहुंचे और इस पर संज्ञान उठाया जा सके।
मंत्री ने बैंक फ्रॉड रोकने के लिए ग्राहकों द्वारा एक समय पर सीमित ट्रांजेक्शन तय करनी की भी सलाह दी उन्होंने कहा कि बैंक ऐसा नियम बनाए कि ग्राहक अपने अकाउंट से सीमित धनराशि निकासी का अधिकार संरक्षित रख सकें। यानि यदि ग्राहक यदि अपने बैंक अकाउंट से 10 हजार अथवा 20 हजार निकासी की सीमा निर्धारित करता है तो ऐसी स्थिति में कोई भी उसके अकाउंट से एक समय पर इससे अधिक कि निकासी न कर सके। इसके अलावा भी बैठक में कई अहम मुद्दे पर चर्चा हुई।