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स्वास्थ्य आयोग में इलाज में लापरवाही व अतिरिक्त बिल बनाने के मामलों में तीन अस्पतालों पर की कार्रवाई

स्वास्थ्य आयोग को एक निजी अस्पताल के ढाकुरिया मुकुंदपुर और साल्टलेक यूनिटों के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें मिली थीं। स्वास्थ्य आयोग में इलाज में लापरवाही व अतिरिक्त बिल बनाने के मामलों पर कार्रवाई करते हुए कोलकाता के तीन निजी अस्पतालों को शिकायतकर्ताओं के रुपये लौटाने का निर्देश दिया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 03:38 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 03:38 PM (IST)
स्वास्थ्य आयोग में इलाज में लापरवाही व अतिरिक्त बिल बनाने के मामलों में तीन अस्पतालों पर की कार्रवाई
स्वास्थ्य आयोग में इलाज में लापरवाही व अतिरिक्त बिल बनाने के मामलों में तीन अस्पतालों पर की कार्रवाई

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य आयोग में इलाज में लापरवाही व अतिरिक्त बिल बनाने के मामलों पर कार्रवाई करते हुए कोलकाता के तीन निजी अस्पतालों को शिकायतकर्ताओं के रुपये लौटाने का निर्देश दिया है। कुल मिलाकर साढे़ चार लाख रुपये मरीजों के परिजनों को लौटाने को कहा गया है।

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स्वास्थ्य आयोग को एक निजी अस्पताल के ढाकुरिया, मुकुंदपुर और साल्टलेक यूनिटों के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें मिली थीं। मरीजों के परिजनों ने कहा था कि उनसे इलाज के बहुत ज्यादा रुपए वसूले गए हैं। स्वास्थ्य आयोग ने मामले की जांच करने के बाद अस्पताल प्रबंधन को मरीज के परिजनों को कुल ढाई लाख रुपये लौटाने का निर्देश दिया। इसी तरह बाघा जतिन इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल पर मरीज को भर्ती लेने से पहले ही उसके परिजनों से अग्रिम तौर पर रुपये लेने का आरोप लगा है।

स्वास्थ्य आयोग के चेयरमैन व पूर्व न्यायाधीश असीम बंद्योपाध्याय ने मामले पर सुनवाई के दौरान अस्पताल प्रबंधन से पूछा कि भर्ती से पहले ही अग्रिम राशि क्यों ली गई? अस्पताल प्रबंधन इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया, जिसके बाद उसे मरीज के परिजनों के रुपयै लौटाने का निर्देश दिया गया।

इसी तरह ईस्टर्न मेट्रोपोलिटन बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है। वहां कोलकाता के गोल्फग्रीन इलाके की रहने वाली 85 साल की आरती सरकार को भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उसे 'बेड सोर' की समस्या हो गई। अस्पताल की तरफ से जब उन्हें छुट्टी दी गई तो डिस्चार्ज सर्टिफिकेट में बेड सोर का उल्लेख नहीं किया गया। बाद में घर में वयोवृद्धा की मौत हो गई।

मृतका के परिजनों ने स्वास्थ्य आयोग से इसकी शिकायत की। स्वास्थ्य आयोग ने अस्पताल प्रबंधन को मृतका के परिजनों को एक लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य आयोग इलाज में लापरवाही व अधिक बिल बनाने के मामले में इससे पहले भी कई अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चुका है। 


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