विश्व भारती कैंपस मामला: गठित हुई कमिटी, एक माह के भीतर सौंपेगी जांच रिपोर्ट
शांति निकेतन स्थित विश्व भारती कैंपस में छात्रों के बीच हाथापाई मामले पर जहां राजनीतिक खेमे में आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है वहीं इसकी जांच के लिए कमिटी का गठन किया गया है।
बीरभूम, एएनआइ। विश्व भारती यूनिवर्सिटी कैंपस (Visva-Bharati university campus) में 15 जनवरी को छात्रों के दो ग्रुप के बीच कथित झड़प के बाद जहां राजनीति हंगामा मचा हुआ है वहीं मामले की जांच के लिए कमिटी (Committee) का गठन किया गया है। कमिटी की ओर से जांच की रिपोर्ट एक महीने के भीतर दे दी जाएगी।
विश्व भारती यूनिवर्सिटी कैंपस में हुए हमले को लेकर अब तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) पर आरोप लगाया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad) के बीरभूम कोऑर्डिनेटर रमेश प्रामाणिक (Ramesh Pramanik) ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया और कहा कि मामले में गिरफ्तार लोग तृणमूल (TMC) के हैं। बता दें कि यूनिवर्सिटी कैंपस में यह हमला बुधवार रात हुआ जिसमें दो लोग घायल हैं। प्रमाणिक ने शुक्रवार को कहा, ‘गिरफ्तार दो संदिग्ध तृणमूल कांग्रेस के हैं।’ उन्होने इस दावे का खंडन किया कि विश्व भारती यूनिवर्सिटी कैंपस में हुए हमले में उनका संगठन शामिल था।
उन्होंने कहा, ‘न तो हमले में ABVP शामिल था न ही हमला करने वालों से किसी तरह की बातचीत में इनका हाथ है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार दो संदिग्ध अचिंतो (Achintya) और साबर अली (Saber Ali) TMC से जुड़े हैं और उन्हें अनेकों मौकों पर TMC नेताओं के साथ देखा गया है। पुलिस कार्रवाई की सराहना करते हुए प्रमाणिक ने कहा कि उनके संगठन पर गलत आरोप लगाया गया।
इस हमले के बाद ऐसा कहा गया था कि विश्वभारती यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में एनआरसी और सीएए मामले पर रणनीति बना रहे छात्रों पर बाहर से आए कुछ लोगों ने हमला कर दिया। इसमें छात्र संगठन के नेता स्वप्निल मुखर्जी, शंभुनाथ गंभीर व फाल्गुनी पान जख्मी हो गए थे। उन्हें यूनिवर्सिटी के पियरसन मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया। छात्रों ने एबीवीपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके लोगों ने हमला करवाया।
स्वप्निल ने आरोप लगाया था कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद यूनिवर्सिटी कैंपस में ऐसा कैसे हुआ। हालांकि एबीवीपी के कथित छात्र नेता अचिंतो ने हमले में शामिल होने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि एबीवीपी से इसका कोई लेना नहीं। वह तृणमूल कांग्रेस का सदस्य है। जबकि तृणमूल का कहना है कि अचिंतो का उनसे कोई संबंध नहीं।