केरल के बाढ़ पीडि़तों की मदद को आगे आया बंगाल का एक गांव
केरल में आई बाढ़ के बाद देशभर में एकता की मिसालें देखने को मिल रही हैं।
कोलकाता, जासं। केरल में आई बाढ़ के बाद देशभर में एकता की मिसालें देखने को मिल रही हैं। हालिया उदाहरण पश्चिम बंगाल का है, जहां के एक गांव में केरल के बाढ़ पीडि़तों के लिए फंड जुटाया जा रहा है। उत्तर दिनाजपुर जिले के छिलिमपुर गांव के लोगों को टीवी और केरल में काम कर रहे मजदूरों के जरिये बाढ़ का पता चला तो उन्होंने मदद करने का निश्चय किया।
गौरतलब है कि लगभग 10 साल से यहां के लोग केरल में मजदूरी करते आ रहे हैं। इस गांव के करीब 600 परिवार रोजी-रोटी के लिए केरल पर निर्भर हैं। गांव के लोग वहां मजदूरी और निर्माण कार्य सेे जुड़े हैं। इसके लिए वे केरल का बेहद सम्मान करते हैं और खुद को इस दक्षिण भारतीय राज्य का कर्जदार मानते हैं। वे उसे अपनी कर्मभूमि मानते हैं, जहां से उनका जीवन चल रहा है। वह केरल को बाढ़ में हुए नुकसान को समझते हैं।
गांववाले अब केरल के बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए फंड जुटाने को सड़कों पर निकले हैं। गांव के निवासी रब्बानी ने बताया कि कुछ साल पहले उनके गांव में भी बाढ़ आई थी और उनके घर तबाह हो गए थे इसलिए वे बाढ़ की विभीषिका समझते हैं।
बताया जाता है कि करीब 10 साल पहले तक यह गांव आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ था लेकिन केरल में रोजगार मिलने से यहां के लोगों की स्थिति बदल गई। सामाजिक-आर्थिक रूप से काफी बदलाव हुआ है। अब यहां के लोगों के अपने पक्के घर हैं और कईयों के पास खुद के ट्रैक्टर भी हैं।
बुजुर्ग हो चुके पूर्व सैनिक बशीर-उद-दीन अहमद बताते हैं कि वे केरल के कर्जदार हैं। केरल ने उन्हें काम दिया है, फिर ऐसे विकट समय वे कैसे खाली बैठकर वहां की दुर्दशा देख सकते हैं।