शख्स की मौत के एक महीने बाद पत्नी व बेटी ने कर ली खुदकुशी, घर में शव सड़े ना इसलिए की यह व्यवस्था
क शख्स की मृत्यु के ठीक एक महीने बाद उसकी पत्नी व बेटी ने जहर पीकर खुदकुशी कर ली। अपने अंंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपये भी रख दिए थे। शवों के सडऩे से पहले पड़ोसी जान जाएं इसके भी प्रबंध कर रखे थे।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एक शख्स की मृत्यु के ठीक एक महीने बाद उसकी पत्नी व बेटी ने जहर पीकर खुदकुशी कर ली। यह घटना शुक्रवार को महानगर से सटे साल्टलेक इलाके में सामने आई है। मृतकों के नाम संपूर्णा घोष (56) व स्नेहा घोष (30) हैं। शख्स की तस्वीर के बगल में एक हस्ताक्षरित सुसाइड नोट मिला है। साथ ही 20,000 रुपये भी पड़े थे। सुसाइड नोट में एक पड़ोसी को अपने अंतिम संस्कार के लिए इस रुपये का इस्तेमाल करने के लिए लिखा था।
घर के सारे नल खुले छोड़े
यही नहीं मां-बेटी ने घर के सभी नल खुले छोड़ दिए थे और रूम के निकासी नालों को बंद कर दिया था ताकि पड़ोसियों और रिश्तेदारों को घर में पानी बहता हुआ दिखे। वे दोनों शायद यह सुनिश्चित करने की कोशिश की थी कि दोनों का शव लंबे समय तक घर में न सड़े। कल रात ही स्नेहा ने अपने वाट्सएप डीपी को अपने माता-पिता के साथ पारिवारिक तस्वीर में बदल दिया था। पुलिस को घर से जहर की एक शीशी मिली है और संदेह है कि मां-बेटी ने उसे पी लिया था, जिससे उनकी मौत हुई है। लेकिन पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
पिता की मृत्यु से मानसिक आघात
यह घटना साल्ट लेक सीडी ब्लाक के 174 में हुई, जहां स्नेहाशीष घोष, उनकी पत्नी सुपर्णा और बेटी स्नेहा अपने तीन मंजिला घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर रहते थे। स्नेहाशीष का भाई अपने परिवार के साथ भूतल पर रहते हैं। स्थानीय पार्षद तुलसी सिन्हा राय, जो कई वर्षों से उक्त परिवार को अच्छी तरह से जानते हैं, ने कहा कि वे एक बहुत ही खुशमिजाज परिवार थे, लेकिन स्नेहाशीष घोष की मृत्यु से संभवत: मां-बेटी दोनों ही मानसिक रूप से टूट गए थे। स्नेहा मेधावी छात्रा थी और उसने राजाबाजार साइंस कालेज से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर किया था। उसकी शादी हो चुकी थी लेकिन शादी के एक साल के भीतर तलाक हो गया था और वह अपने माता-पिता के साथ ही रहती थी। वह वर्तमान में पुणे में एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी में कार्यरत थी और पिछले दो वर्षों से घर से काम कर रही थी। ऐसा नहीं लगता कि परिवार वित्तीय संकट में था। यह घटना पिता की मौत से मानसिक परेशानी का नतीजा हो सकता है।