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महाराष्‍ट्र के परिवार को दुर्गा पूजा में मिली बड़ी खुशी, बंगाल में मिले 15 साल से लापता घर के मुखिया, परिवार

महाअष्‍टमी (तीन अक्‍टूबर) को कोलकाता पुलिस के एक फोन कॉल से परिवार अचंभित रह गया। जिसे वे अब हारकर मृत मान चुके थे उनके जिंदा होने की खबर मिली। कोलकाता से करीब 46 किमी दूर उत्‍तर 24 परगना जिला में बाबूराव बापूजी सतपुते के मिलने की सूचना पुलिस ने दी।

By Jagran NewsEdited By: Sumita JaiswalPublished: Tue, 04 Oct 2022 06:05 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 06:05 PM (IST)
महाराष्‍ट्र के परिवार को दुर्गा पूजा में मिली बड़ी खुशी, बंगाल में मिले 15 साल से लापता घर के मुखिया, परिवार
15 साल बाद बाबूराव बापूपी सतपुतेे स्‍वजनों से मिले। सांकेतिक तस्‍वीर।

 कोलकाता, आनलाइन डेस्‍क। महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली जिला के भेंडाला गांव की सतपुते परिवार के लिए यह दुर्गा पूजा विशेष आशीर्वाद लेकर आया। महाराष्‍ट्र की इस परिवार के मुखिया पिछले 15 सालों से ज्‍यादा समय से लापता थे। स्‍वजनों ने उनकी काफी तलाश की मगर निराशा ही हाथ लगी थीे। ऐसे में महाअष्‍टमी (तीन अक्‍टूबर) को कोलकाता पुलिस के एक फोन कॉल से परिवार अचंभित रह गया। जिसे वे अब हारकर मृत मान चुके थे, उनके जिंदा होने की खबर मिली। कोलकाता से करीब 46 किमी दूर उत्‍तर 24 परगना जिला में बाबूराव बापूजी सतपुते के मिलने की सूचना पुलिस ने स्‍वजनों को दी। बाबूराव पहले राज्‍य सरकार की जॉब में थे। बाद में वे मानसिक बीमारी के शिकारी हो गए। इसी हाल में एक दिन वे घर से निकल गए थे। 

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दरअसल तीन अक्‍टूबर को भारतीय वायु सेना के अवकाश प्राप्‍त अधिकारी दीपांकर चटर्जी अपने दोस्‍ताें के साथ पश्चिम बंगाल के उत्‍तर 24 परगना जिले में अशोकनगर में मार्निंग वाक के लिए निकले थे। इस दाैरान उन्‍होंने एक आदमी को कचरे के ढ़ेर से खाने का सामान ढूंढते हुए देखा। वे उस व्‍यक्ति के पास गए और उसका नाम और वे कहां रहते हैं, पूछने की कोशिश की तो वह गुर्राने लगे। दीपांकर व उनके दोस्‍त को समझते देर नहीं लगी कि वे अपने परिवार से बिछड़ गए हैं और मानसिक बीमारी से ग्रस्‍त हैं। इसके बाद उन्‍होंने धैर्यपूर्वक बाबूराव को समझा बुझाकर अपने साथ क्‍लब हाउस ले आए। वहां उन्‍हें खाना-पानी, कपड़ा आदि दिया गया। उसके बाद उन्‍होंने वेस्‍ट बंगाल रेडियो क्‍लब से संपर्क साधा। इस रेडियो क्‍लब का देश-विदेश में बड़ा नेटवर्क है और वे ऐसे परिवार से बिछड़े लोगोंं को मिलाने में मदद करते हैं। 

रेडियो क्‍लब के सचिव अम्‍बरीश नाग विश्‍वास ने बताया कि बाबूराव से बातचीत कर उन्‍होंने जाना कि वे महाराष्‍ट्र के निवासी हैं। इसके बाद उन्‍होंने अपने महाराष्‍ट्र नेटवर्क से संपर्क साधा। जिन्‍होंने भेंडाला पुलिस की सहायता बाबूराव के परिवारजनों को ढूंढ निकाला। भेंडाला पुलिस ने बताया कि परिवारजनों ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, मगर बाबू राव को ढूंढ़ने की सारी कोशिश बेकार गई थी। 

यहांं तक वर्तमान में बाबूराव की पत्‍नी को पेंशन मिलने लगी थी। उनके बेटे को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल गई थी। परिवार बाबूराव के जीवित होने की सूचना से बेहद खुश था। परिवार ने तुरंत बाबूराव की आइडेंटिटी भेजी और जल्‍द ही बंगाल पहुंचकर उन्‍हें घर ले जाएंगे। 


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