वर्चुअल सुनवाई का स्क्रीनशॉट साझा करना अधिवक्ता को पड़ा महंगा, FIR दर्ज
वर्चुअल सुनवाई का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफार्म लिंक्डइन पर पोस्ट करने पर कलकत्ता हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता शिव रतन ककरानिया के खिलाफ मुकदमा दायर।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। वर्चुअल सुनवाई का स्क्रीनशॉट को साझा करना एक अधिवक्ता महंगा पड़ गया। कलकत्ता हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता शिव रतन ककरानिया ने एक मामले में सुनवाई का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा कर दिया था। यह स्क्रीनशॉट अदालत की अनुमति के बिना साझा किया गया था।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए वर्चुअल सुनवाई का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'लिंक्डइन' पर पोस्ट करने के लिए उक्त अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। हालांकि, बाद में अधिवक्ता ने लिखित रूप से माफी मांग ली तो न्यायाधीश ने मुकदमा वापस ले लिया।
बता दें कि 25 अगस्त के आदेश के अनुसार अधिवक्ता शिव रतन ककरानिया ने एक हलफनामा दायर किया, जिसमें उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी और स्वीकार किया कि अदालत की अनुमति के बिना कार्यवाही का स्क्रीनशॉट शेयर करना गलत था।
अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि स्क्रीनशॉट जल्द ही हटा दिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि स्क्रीनशॉट के साथ दिया गया बयान पूरी तरह से अनायास था। वह न्यायालय की गरिमा को कम नहीं करना चाहते थे और उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी। न्यायाधीश मंथा ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि अधिवक्ता शिव रतन ककरानिया को अवमानना कार्यवाही को चेतावनी के साथ माफी दी जाती है। बता दें कि कुछ अधिवक्ताओं द्वारा वर्चुअल सुनवाई के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पोस्ट किए जा रहे हैं। यहां तक कि इन सुनवाईयों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही है, जिसमें कुछ वायरल भी हो गया था।
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