Coronavirus: बंगाल में कोरोना के 8 नए मामले सामने आए, संक्रमितों की संख्या पहुंची 69, अबतक 5 की मौत
ममता ने नोबेल विजेता अर्थशास्त्री डॉक्टर अभिजीत विनायक बनर्जी के साथ मीडिया के सामने कोरोना से निपटने के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में मंगलवार को कोरोना के 8 नए मामले सामने आए। इसके बाद राज्य में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 69 हो गई है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना से अब तक 5 लोगों की मौत हुई है। सोमवार को ममता ने कोरोना से 3 लोगों की मौत की जानकारी दी थी यानी दो और लोगों की मौत हुई है। ममता ने कहा कि अबतक जो 69 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं इनमें से 60 मामले नौ परिवारों से ही हैं। जो 8 नए मामले सामने आए हैं वह भी इन्हीं में से चार परिवारों से है। इसके साथ ही ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने बंगाल में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित सात हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान की है।
इन क्षेत्रों में कोरोना के चक्र को तोड़ने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि इसका प्रसार ना हो। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के चलते लोगों को काफी असुविधा हो रही है। इसको देखते हुए उन्होंने कुछ असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सीमित छूट दिए जाने का फैसला किया है, क्योंकि वे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ताकि वे कुछ उपार्जन कर सकें। ममता ने कहा कि हम किसान मंडी (कृषक बाजार) के संचालन व फूल के व्यापारियों को स्थानीय बाजारों में कारोबार की मंजूरी दी है।
हालांकि उन्होंने कहा कि सभी को सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में बीड़ी बनाने वाले लोगों को भी अपने घरों से ही काम जारी रखने की छूट प्रदान करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीड़ी श्रमिक सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर घरों से ही काम जारी रख सकते हैं। एजेंट उनके पास से बीड़ी लेकर बाजार में बेच सकते हैं। ममता ने कहा कि किसान मंडियों के बाहर सैनिटाइजर अथवा साबून- पानी आदि की व्यवस्था की जाएगी ताकि कोरोना से बचने के लिए उसमें जाने वाले लोग हाथ धोएंगे और उन्हें मास्क का इस्तेमाल करना होगा।
यहां आने वाले लोगों को पहले क्वॉरेंटाइन में रहना होगा
इसके साथ ही ममता ने कहा कि जब लॉकडाउन खत्म होगा तो अलग-अलग जगहों पर फंसे लोग आवाजाही शुरू करेंगे। पलायन कर रहे मजदूर भी आना शुरू करेंगे। इससे बड़ा स्वास्थ्य खतरा उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद राज्य में आने वाले लोगों को पहले क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा।
अभी नहीं करें डर्टी पॉलिटिक्स
ममता ने इस दौरान राजनीतिक दलों से डर्टी पॉलिटिक्स नहीं करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अभी पॉलिटिक्स करने का समय नहीं है। इसीलिए इस समय सभी लोग डर्टी पॉलिटिक्स को छोड़कर कोरोना के साथ मिलकर जंग लड़ें।
अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की बात
ममता ने मंगलवार को नोबेल विजेता अर्थशास्त्री डॉक्टर अभिजीत विनायक बनर्जी के साथ मीडिया के सामने कोरोना से निपटने के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। अभिजीत राज्य सरकार द्वारा गठित ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य हैं। एक दिन पहले सोमवार को ही ममता ने कोरोना संकट से निपटने के लिए ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड की घोषणा की थी। अभिजीत ने इस दौरान कहा कि लोगों को कोरोना के डर से बाहर निकालना होगा। अभिजीत ने राज्य में और अधिक संख्या में कोरोना की जांच कराने पर जोर दिया।
उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से एक सर्वे कराने का भी सुझाव दिया, ताकि वैसे लोग जो खांसी व बुखार आदि से प्रभावित हैं उनकी सामान्य जांच की जा सके। इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किसान मंडी को खोले जाने पर कहा कि कोरोना से बचाव के लिए प्रत्येक मंडी के बाहर सेनीटाइजर या साबून की व्यवस्था की जाए। साथ ही मास्क लगाकर ही लोग बाजार जाएं। उनके इस सुझाव पर ममता ने धन्यवाद किया और कहा कि सभी पर अमल किया जाएगा। ममता ने कहा कि अभिजीत का सुझाव बंगाल के बहुत काम आएगा। उन्होंने उनसे बीच-बीच में और भी सुझाव देने का आग्रह किया। इसके साथ ही ममता ने ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड के चार और सदस्यों के भी नामों की घोषणा की। इनमें यूएसए में सीटीसी के पूर्व चीफ टॉम फीवर, वर्ल्ड बैंक के इकोनॉमिस्ट जिष्णु दास, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव व बंगाल कैडर के रिटायर्ड आईएएस जेबीआर राव व यूएनओ में स्वास्थ्य विशेषज्ञ सिद्धार्थ दूबे के नामों की घोषणा की। सोमवार को भी ममता ने अभिजीत बनर्जी सहित चार नामों की घोषणा की थी।