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64 साल की हुईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जानिए इनके बारे में कुछ रोचक बातें...

Mamta Banerjee birthday तृणमूल प्रमुख व प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 64 साल की हो गईं, 2012 में टाइम पत्रिका ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 03:18 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 03:18 PM (IST)
64 साल की हुईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जानिए इनके बारे में कुछ रोचक बातें...
64 साल की हुईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जानिए इनके बारे में कुछ रोचक बातें...

जागरण संवाददाता, कोलकाता। भारतीय राजनीति में अलग पहचान रखने वाली और लोगों के बीच दीदी के नाम से विख्यात तृणमूल प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 64 साल की हो गईं हैं। 5 जनवरी 1955 को कोलकाता में जन्म लेने वाली ममता सादगी से जीवन बसर करने में विश्वास रखती हैं। ममता बनर्जी एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने पश्चिम बंगाल की सत्ता पर 34 सालों से आसीन वाममोर्चा सरकार को उखाड़ फेंका था और 2011 से बंगाल की सत्ता पर आसीन हैं। 

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ममता बनर्जी बारे में कुछ रोचक बातें 

अक्सर दीदी के रूप में संदर्भित, ममता बनर्जी 2011 से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। वे राज्य में बतौर सीएम कार्यालय संभालने वाली पहली महिला हैं। उन्होंने भारत के रेल मंत्री, कोयला मंत्री और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया है। सुश्री बनर्जी ने 15 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा, उन्होंने छात्र परिषद संघ की स्थापना की, जो कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा थी।

ममता बनर्जी ने 1970 में कांग्रेस में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्हें 1976 में महिला कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। 1984 में सुश्री बनर्जी सबसे कम उम्र के भारतीय सांसदों में से एक बन गईं जिन्होंने कम्युनिस्ट राजनीतिज्ञ सोमनाथ चटर्जी को मात दी।

1991 में ममता बनर्जी को केंद्रीय मानव संसाधन विकास, युवा मामले और खेल और महिला और बाल विकास मामले का राज्य मंत्री बनाया गया। 1997 में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और अलग से अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस नाम से पार्टी बनाई।

दिसंबर 1998 में उन्होंने महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाले एक समाजवादी पार्टी के सांसद का कॉलर पकड़ उन्हें लोकसभा से बाहर खींच लाई। 1999 में वे एनडीए सरकार में शामिल हो गईं और उन्हें रेल मंत्रालय दिया गया। ममता बनर्जी 2001 में एनडीए से अलग हो गईं और बाद में 2004 में फिर वापस लौटीं। उन्होंने 2009 में फिर से यूपीए का साथ दिया और फिर 2012 में यूपीए से अलग हो गईं। अंतत: वे अकेले चलने लगीं और आगे साल 2011 में ममता को बंगाल की सत्ता मिली।

2012 में टाइम पत्रिका ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया। 2012 में ब्लूमबर्ग मार्केट्स पत्रिका ने उन्हें वित्त की दुनिया के 50 सबसे प्रभावशाली लोगों में सूचीबद्ध किया।  


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