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आइआइटी शोधकर्ताओं का खुलासा- 6.5 करोड़ साल पहले धरती से 1500 मीटर नीचे मौजूद था जीवन

आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने किया खुलासा--सूक्ष्म जीव, जीवाणु और आर्किया का दक्कन ट्रैप के नीचे था अस्तित्व

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 10:01 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 10:01 AM (IST)
आइआइटी शोधकर्ताओं का खुलासा- 6.5 करोड़ साल पहले धरती से 1500 मीटर नीचे मौजूद था जीवन
आइआइटी शोधकर्ताओं का खुलासा- 6.5 करोड़ साल पहले धरती से 1500 मीटर नीचे मौजूद था जीवन

कोलकाता, जेएनएन। भारत में करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले पृथ्वी की सतह से 1500 मीटर नीचे भी जीवन का अस्तित्व था। आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाया है। वैज्ञानिकों ने पाया कि सूक्ष्म जीव, जीवाणु और आर्किया का दक्कन ट्रैप के नीचे इतनी गहराई में अस्तित्व था।

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दक्कन ट्रैप के दायरे में दक्षिणी और पश्चिमी भारत में दक्कन के पठार का बड़ा हिस्सा आता है। आर्किया आकार में जीवाणु की तरह का सूक्ष्म जीव है, लेकिन आणविक संरचना में काफी अलग है। दक्कन ट्रैप का निर्माण तकरीबन साढ़े छह करोड़ साल पहले जबर्दस्त ज्वालामुखीय गतिविधियों के जरिए हुआ था।

आइआइटी खड़गपुर ने एक बयान में कहा कि पोषण के लिए पानी और अन्य सामग्रियों के अभाव के बावजूद ठोस आग्नेय चट्टान के एक किलोमीटर से अधिक भीतर जीवाणु और आर्किया की मौजूदगी ने शोध दल को आ‌र्श्यचकित किया। 2014 में आइआइटी खड़गपुर के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर पिनाकी सार ने इन चट्टानों के भू-सूक्ष्म जैविक गुणों का अध्ययन करने के लिए यह शोध शुरू किया।

शोधकर्ताओं ने बताया कि सूक्ष्मजीव भूकंपीय गतिविधियों के कारण चट्टानों में आई दरार से जल के प्रवाह के जरिये धरती के निचले हिस्से में गए होंगे। सार ने आगे कहा-'हम फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि जीव अब भी जीवित हैं, यद्यपि हम प्रयोगशाला में इंडोलिथिक (चट्टानों के भीतर रहने वाले जीव) कोशिकाओं को विकसित करने में सक्षम हैं।

ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत और भारतीयों के नेतृत्व वाले दल ने पृथ्वी की सतह से इतनी गहराई में जीवन के अस्तित्व की संभावना को तलाशा है। दक्कन ज्वालामुखीय गतिविधियां तकरीबन साढ़े छह करोड़ साल पहले शुरू हुई थीं और छह करोड़ साल पहले तक जारी रही होंगी। 


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