PM Kisan Samman Nidhi Yojana: बंगाल के 26 लाख किसानों को मिली पीएम किसान सम्मान निधि योजना की दूसरी किस्त
PM Kisan Samman Nidhi Yojana देशभर के किसानों को नौवीं किस्त मिलीं जबकि बंगाल के किसानों के लिए यह दूसरी किस्त थी। इससे पहले मई में बंगाल के सात लाख से ज्यादा किसानों को पीएम किसान योजना की पहली किस्त मिली थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के 26 लाख से ज्यादा किसानों को सोमवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के तहत दूसरी किस्त की दो-दो हजार रुपये की राशि मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना की नौवीं किस्त जारी करते हुए देशभर के 9.75 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 19,500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। देशभर के किसानों को नौवीं किस्त मिलीं, जबकि बंगाल के किसानों के लिए यह दूसरी किस्त थी। इससे पहले मई में बंगाल के सात लाख से ज्यादा किसानों को पीएम किसान योजना की पहली किस्त मिली थी। फरवरी, 2019 में केंद्र ने किसानों की आय बढ़ाने और खेती- बाड़ी में उनकी मदद करने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी।
इस योजना के तहत किसानों को हर साल दो-दो हजार रुपये की तीन किस्त में कुल 6,000 की राशि सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं। हालांकि ममता सरकार ने इस योजना को पहले लागू नहीं होने दिया। हाल में विधानसभा चुनाव से पहले जब भाजपा नेताओं ने इसे मुद्दा बनाया तो सियासी नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को पत्र लिखकर योजना लागू करने पर सहमति जताई। वहीं, चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत मिलने और पांच मई को सीएम की कुर्सी संभालने के बाद ममता ने किसानों की सूची केंद्र सरकार को भेजी थी। इसके बाद पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद अपने वादे के अनुसार देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ बंगाल के भी सात लाख से अधिक किसानों के खाते में योजना के तहत दो-दो हजार रुपये भेजे। हालांकि ममता ने उस समय भी सवाल उठाया था कि दो-दो हजार रुपये ही क्यों भेजे गए। किसानों को पिछला बकाया जोड़कर 18,000 रुपये मिलने चाहिए थे।
ममता की आपत्ति के कारण लाभ से वंचित रह गए थे बंगाल के किसान: सुवेंदु
इधर, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 में ही यह योजना शुरू की गई थी लेकिन लाभार्थियों को सीधे बैंक में पैसा हस्तांतरण को लेकर मुख्यमंत्री की आपत्ति के कारण बंगाल के किसान इसके लाभ से वंचित रह गए थे। उन्होंने कहा कि ममता सरकार को बिचौलिए संस्कृति और कट मनी (कमीशन) व्यवस्था को बढ़ावा देने में उत्कृष्टता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि शेष किसानों का पूर्ण प्रमाणिक विवरण अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है, इसीलिए उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला है। इधर, राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो अगर सही से नाम शामिल किए जाएं तो बंगाल के करीब 68 लाख किसान इस योजना के पात्र होंगे। लेकिन अभी तक करीब 26 लाख किसानों के नामों को ही केंद्र द्वारा स्वीकार किया गया है। बंगाल सरकार द्वारा पिछले दिनों 44.8 लाख किसानों के नाम केंद्र को भेजे गए थे, इनमें से 9.5 लाख किसानों के नाम को खारिज किए जाने को लेकर हाल में ममता सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी।